फर्रुखाबाद: यूपी के 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला का मामला रहस्यमय बना हुआ है. फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर कायमगंज में गिरफ्तार शिक्षिका फर्रुखाबाद की रहने वाली है. अनामिका शुक्ला का वास्तविक नाम सुप्रिया है. सुप्रिया की मां ने रोते हुए बताया कि मैनपुरी निवासी नीतू ने पैसा लेकर उनकी बेटी को फंसा दिया है.
आरोपी की मां ने बेटी को बताया निर्दोष. दरअसल, कासगंज के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय समेत 25 स्कूलों में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी करने वाली शिक्षिका का असली नाम सुप्रिया सिंह है. वह विकासखंड कायमगंज की ग्राम पंचायत रजपालपुर निवासी महिपाल जाटव की पुत्री है. किसान महिपाल के दो बेटियां और दो बेटे हैं. सुप्रिया महिपाल जाटव की दूसरी बेटी है.
डेढ़ लाख रुपये में मिली नौकरी
आरोपी की मां मीरा देवी ने बताया कि बेटी सुप्रिया ने ग्राम भटासा के रामदर्शनी राजकीय इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी. इसके बाद कायमगंज के शकुंतला देवी कॉलेज से बीए किया है. कॉलेज के दौरान उसकी दोस्ती मैनपुरी निवासी नीतू नाम के एक युवक से हो गई. उसने अपने आप को प्राथमिक स्कूल का शिक्षक बताया था. इसके बाद नीतू का घर आना-जाना शुरू हो गया. बीए पास करने के बाद उसने सुप्रिया को संविदा पर नौकरी लगवाने के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे.
एक करोड़ सैलरी ठगने वाली शिक्षिका अनामिका ने डाॅक्यूमेंट में दिया गलत पता
मीरा देवी ने बताया कि किसी तरह इंतजाम करके एडवांस 50 हजार रुपये तो दे दिए और बाकी बचे 1 लाख रुपये नौकरी लगने के बाद वेतन से देने को कहा. इसके बाद नीतू ने कासगंज के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में विज्ञान टीचर की नौकरी लगवाई थी. वेतन मिलने के बाद उसने 1 लाख रुपये भी ले लिए और अब बेटी फंस गई. उन्होंने बताया कि बेटे के साथ सुप्रिया इस्तीफा देने गई थी, लेकिन वहां दोनों गिरफ्तार हो गए.
'निर्दोष है मेरी बेटी'
घर के दरवाजे पर बेटी की राह ताकते हुए मां मीरा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्होंने बिलखते हुए कहा कि उनकी बेटी निर्दोष है. वह तो शातिर नीतू के झांसे में आकर ठगी का शिकार हुई और उसके डेढ़ लाख रुपये ठगे गए. इसमें सुप्रिया का छोटा भाई भी फंस गया. हालांकि अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करने के मामले से उन्होंने खुद को अनजान बताया. वहीं गांव राजपालपुर के प्रधान अनिल गंगवार के अनुसार, कासगंज में गिरफ्तार शिक्षिका अनामिका शुक्ला नहीं बल्कि उनके गांव की सुप्रिया है.