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फर्रुखाबादः युवक की करंट से मौत, शव रखकर परिजनों ने हाईवे किया जाम

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक युवक के ऊपर 11 हजार वोल्ट का तार टूटकर गिर गया था, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया. वहीं 40 दिन चले इलाज के बाद युवक की मौत हो गई. गुस्साए परिजन ने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

मामले की जानकारी देते एसडीएम.

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Published : Nov 2, 2019, 10:43 AM IST

फर्रुखाबाद: जिले में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसे एक युवक की इलाज के दौरान शुक्रवार को मौत हो गई. गुस्साए परिजनों ने शव को फर्रुखाबाद-छिबरामऊ हाईवे पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. वहीं परिजन हादसे के लिए बिजली विभाग को दोषी मानते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे. सूचना पर पहुंचे सीओ राजवीर सिंह, थाना प्रभारी पूनम जादौन और सदर एसडीएम के मुआवजा दिलाने के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ.

युवक की करंट लगने से मौत.

सामान लेकर लौट रहे युवक पर गिरा 11 हजार वोल्ट का तार
थाना जहानगंज क्षेत्र के अंतर्गत निवासी जितेंद्र 20 सितंबर को तिवारी ट्रेडर्स पर कुछ सामान खरीदने गया हुआ था. वहां से लौटते समय गायत्री कोल्ड स्टोरेज से गुजर रहे 11 हजार वोल्ट का तार टूटकर युवक पर गिर गया था, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया. आसपास के लोगों ने युवक को पीएचसी पहुंचाया, जहां से चिकित्सक ने गंभीर हालत होने के कारण सैफई के लिए रेफर कर दिया.

40 दिन इलाज के बाद युवक की मौत
करीब 40 दिन चले इलाज के बाद युवक की मौत हो गई. परिजन उसका शव लेकर वापस फर्रुखाबाद आ गए. जितेंद्र की मौत के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार मानते हुए लोगों ने शव को फर्रुखाबाद-छिबरामऊ हाईवे पर रखकर धरना शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारी विभाग के कर्मचारियों पर मुकदमा और मृतक के परिजनों को मुआवजा की मांग कर रहे थे.

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बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मृतक की पत्नी सीमा ने आरोप लगाया कि घायल होने के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी कोई हालचाल लेने नहीं पहुंचा. इसके अलावा शिकायत के बावजूद किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.

मुआवजे का भरोसा दिलाकर जाम खुलवाया
वहीं हाईवे जाम की सूचना पाकर सीओ राजवीर सिंह, थाना प्रभारी पूनम जादौन पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली. उन्होंने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन नहीं माने. इसके बाद सदर एसडीएम अनिल कुमार ने उनको मुआवजा दिलाने का भरोसा देकर जाम खुलवाया.

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