फर्रुखाबाद: शिक्षिका ने अवकाश का लाभ उठाकर 2 जिलों में की नौकरी
यूपी के फर्रुखाबाद जिले में एक शिक्षिका का फर्जी अभिलेखों के आधार पर अलग-अलग जगह नौकरी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
फर्रुखाबाद: जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में फर्जी अभिलेख से नौकरी करने का मामला सामने आया है. कमालगंज की वार्डन संध्या द्विवेदी के अलीगढ़ और फिरोजाबाद में भी नौकरी करने का खुलासा हुआ है. उसने दो जिलों में अवकाश का लाभ उठाया है.
अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका भर्ती के खुलासे के बाद आए दिन नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं. अब कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में फर्जी अभिलेख से फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद और अलीगढ़ में संध्या द्विवेदी के नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार संध्या द्विवेदी ने फिरोजाबाद के एक गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में सितंबर 2019 में अपनी नियुक्ति ली थी, जब वह अपने अभिलेखों की जांच कराने के लिए सामने नहीं आई तो उसके फर्जी होने का शक गहरा गया. इसके बाद जो जांच में सामने आया वह बेहद चौंकाने वाला था.
अवकाश लेते ही फर्रुखाबाद ज्वाइनिंग ली
संध्या ने एक जगह ज्वाइनिंग करने के बाद दीपावली का अवकाश लिया. इसके बाद वह लंबी छुट्टी पर गई और फिर फर्रुखाबाद में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कमालगंज में वार्डन के रूप में ज्वाइनिंग कर ली. फिर वहां से अवकाश लिया और सीधे फिरोजाबाद में आकर दोबारा स्कूल ज्वाइन कर लिया.
दोनों जगह से ली मेटरनिटी लीव
नवंबर में संध्या ने मेटरनिटी लीव के लिए फिरोजाबाद से अप्लाई किया और स्वीकार हो गई. इसके बाद फर्रुखाबाद चली गई और वहां भी उसने मेटरनिटी लीव ले ली. इस तरह वह दोनों जिलों से लीव पर चली गई.
संध्या के दोनों जिलों के फोटो हुए मैच
संध्या ने फिरोजाबाद और फर्रुखाबाद में जो डॉक्यूमेंट पर फोटो लगाए थे. वह दोनों जगह के फोटो मैच कर गए हैं. इससे साबित हो गया है कि वही दोनों जगहों पर एक साथ नौकरी कर रही थी.
आखिर अलीगढ़ में कौन, जांच शुरू
संध्या द्विवेदी के नाम से अलीगढ़ में कौन नौकरी कर रही थी. कहीं उसने दूसरी महिला को तो नहीं भेजा. इसकी भी जांच शुरू हो गई है. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि फिरोजाबाद बीएसए से संध्या द्विवेदी के अभिलेख और जांच रिपोर्ट मांगी गई है. फिलहाल अलीगढ़ बीएसए से संपर्क नहीं हो सका है.
मार्कशीट में किया फेरबदल
बीएसए लालजी यादव ने बताया कि अभिलेखों के सत्यापन कराने न पहुंचने के बाद संध्या द्विवेदी पर शक गहरा गया, जब संध्या की मार्कशीट की जांच कराई गई तो खुलासा हुआ कि असली अंकतालिका में उसकी जन्मतिथि 1991 है, जबकि संध्या ने कमालगंज के विद्यालय में वार्डन पद के लिए जो मार्कशीट लगाई है, उसमें 1988 जन्म तिथि अंकित है. इससे साफ पता चलता है कि जन्मतिथि में हेर-फेरकर फर्जी तरीके से कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी पाई गई थी.