फर्रुखाबाद: यूपी में कोरोना की दूसरी लहर का असर भले ही कम हो गया हो, लेकिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जहरीली शराब बेचने का खेल लगातार जारी है. शराब माफिया बेखौफ होकर जहरीली शराब का कारोबार कर रहे हैं और पुलिस-प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है. यूपी के कई जिलों में यह धंधा कई वर्षों से फल-फूल रहा है. शराब माफिया पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.
इस वर्ष प्रदेश में कई जिलों में जहरीली शराब का कहर देखने को मिला. चित्रकूट, प्रतापगढ़ और प्रयागराज में जहरीली शराब पीने से 22 लोग काल के गाल में समा गए. प्रतापगढ़ में हुई जहरीली शराब की घटना के बाद जब पुलिस-प्रशासन ने सख्ती दिखाई तो जहरीली शराब बनाने का बड़ा खेल उजागर हुआ था. इसी वर्ष अप्रैल माह की 2 तारीख को हथिगवां थाना क्षेत्र के नौबस्ता परसीपुर स्थित एक शराब माफिया के फार्म हाउस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फार्म हाउस के अंदर बनाई गई गोशाला से करोड़ों रुपये की अवैध शराब बरामद की थी. वहां से पुलिस ने दर्जनों ड्रम केमिकल, हजारों शीशियां, रैपर व शराब बनाने के उपकरण भी बरामद किए थे. पुलिस ने बरामद शराब और उपकरणों की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये बताई थी.
शराब माफियाओं पर इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं हुए और लगातार प्रदेश में जहरीली शराब का कारोबार चलता रहा. बीती 28 मई को हुए अलीगढ़ जहरीली शराब कांड ने प्रदेश को हिला दिया था. इस घटना में करीब 108 लोगों की मौत हुई थी, जिससे प्रदेश सरकार सहित प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए थे. प्रदेश की योगी सरकार ने सभी जिलों में शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद से कई जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध जहरीली शराब पकड़ी जा रही है.
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ताजा मामला फर्रुखाबाद जिले से सामने आया है. पुलिस को शनिवार देर रात मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के हथियापुर बाजार के बंद मकान से नकली शराब का जखीरा मिला. हाजी गेस्ट हाउस के पास नए मकान में अवैध शराब फैक्ट्री चलने की सूचना पर जिला प्रशासन की टीम ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान फैक्ट्री संचालित मकान के कमरे स्प्रिट से भरे हुए थे. अनेकों गत्तों में बब्बर शेर शराब के पौवे भरे थे. खाली गत्ते, रैपर, ढक्कन, केमिकल आदि शराब बनाने का सामान मौजूद था. क्वार्टरों पर फैक्ट्री मेड बारकोड लेबिल लगाया गया था. जब बारकोड को स्कैन किया गया तो वह स्कैन हो गया. मौके पर लाल, हरे आदि रंगों के ढक्कन भी बड़ी संख्या में बरामद हुए.
अवैध शराब फैक्ट्री संचालित होने की सूचना पर एसडीएम सदर, सीओ सिटी, एसओ राजेपुर और एसओजी की टीम ने छापेमारी की. मौके पर अन्य थाना क्षेत्र की पुलिस पहुंचने से शराब माफियाओं को भनक तक नहीं लगी, जिसके चलते खिनमिनी ग्राम से आए अधेड़ ने गेट खोल दिया. पुलिस व एसओजी की टीम ने घर को घेरकर दो आरोपियों को मौके से पकड़ लिया.
जानकारी के मुताबिक हरे रंग के ढक्कन की सप्लाई फर्रुखाबाद जिले में होती है, जबकि लाल ढक्कन वाले क्वार्टर जनपद मैनपुरी में बिकते हैं. पुलिस ने शराब गिरोह के कई लोगों को हिरासत में लिया है. मौके से शराब लेने आए अधेड़ समेत एक अन्य युवक को भी पकड़ा गया है, लेकिन पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी की संख्या नहीं बता रही है. पुलिस ने बरामद शराब की कीमत 10 लाख रुपये से अधिक की बताई है.
प्रदेश में जहरीली शराब की घटनाएं
- 26 फरवरी: महोबा जिले में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत.
- 17 मार्च: प्रयागराज में जहरीली शराब से 9 लोगों की मौत.
- 22 मार्च: चित्रकूट जिले में जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत.
- 1 अप्रैल: प्रतापगढ़ में जहरीली शराब से 6 से अधिक मौतें.
- 1 अप्रैल: अयोध्या जिले में जहरीली शराब से 2 लोगों की मौत.
- 2 अप्रैल: बदायूं जिले में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत.
- 28 अप्रैल: हाथरस जिले में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत.
- 12 मई: आजमगढ़ में जहरीली शराब से 18 लोगों की मौत.
- 12 मई: अम्बेडकरनगर में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत.
- 12 मई: बदायूं जिले में जहरीली शराब से 2 लोगों की मौत.
- 28 मई: अलीगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से करीब 108 लोगों की मौत.