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फर्रुखाबादः आईजी ने कहा सुभाष की बेटी को बनाएंगे अफसर, ली खर्च उठाने की जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष और उसकी पत्नी रूबी की मौत के बाद उनकी एक साल की बेटी गौरी को करीबी रिश्तेदारों ने भी अपनाने से इनकार कर दिया, इसके बाद आईजी मोहित अग्रवाल ने मासूम का जीवनभर खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली और उसे आईपीएस अफसर बनाने की बात कही.

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आईजी मोहित अग्रवाल ने सुभाष की बेटी की जिम्मेदारी.

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Published : Feb 3, 2020, 6:05 PM IST

Updated : Feb 3, 2020, 11:33 PM IST

फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश पुलिस किसी न किसी कारण से अक्सर आलोचनाओं से घिरी रहती है, लेकिन फर्रुखाबाद में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष और उसकी पत्नी रूबी की मौत के बाद उनकी एक साल की बेटी गौरी को जब करीबी रिश्तेदारों ने भी अपनाने से इंकार कर दिया, तब इंसानियत की एक नई मिसाल पेश करते हुए आईजी मोहित अग्रवाल ने मासूम बिटिया का जीवनभर खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली और उसे आईपीएस अफसर बनाने की बात कही.

देखें वीडियो.

मोहम्मदाबाद के करथिया गांव में गुरुवार को 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मासूम गौरी की मां रूबी को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद दंपति की बेटी गौरी बेसहारा और अनाथ हो गई. कोई भी करीबी रिश्तेदार उसकी बेटी को अपनाने को तैयार नहीं हुआ.


अफसर बनाने की कही बात
सोमवार को आईजी मोहित अग्रवाल फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद थाने पहुंचे, जहां थाना परिसर में गौरी को महिला कांस्टेबल रजनी के साथ खेलता देख उनकी आंखें भर आईं. वह थाने से सीधे पुलिस फोर्स के साथ करथिया गांव पहुंचे, जहां आईजी ने गांव वालों के सामने बिटिया गौरी के जीवनभर का खर्च जिम्मेदारी से उठाने की बात कही. साथ ही इसे किसी अच्छे हॉस्टल वाले स्कूल में पढ़वाने को कहा. उन्होंने कहा कि गौरी को पढ़ा-लिखाकर आईएएस या आईपीएस कोई बड़ा अफसर बनाएंगे.


महिला कांस्टेबल की देखरेख में है गौरी
ईटीवी भारत से खास बातचीत में आईजी ने कहा कि यह एक साल की अबोध बच्ची है. बच्ची को अपनाने के लिए रिश्तेदार तैयार नहीं हो रहे हैं. ऐसे में निर्णय लिया है कि पुलिस बच्ची की परवरिश करेगी और इसकी पढ़ाई का खर्च मेरे द्वारा उठाया जाएगा. फिलहाल बच्ची की देखभाल कांस्टेबल रजनी कर रही है.


निःसंतान दंपति पुलिसकर्मी ले सकते बच्ची को गोद
जब आईजी से सवाल किया गया कि क्या आप निजी तौर पर बच्ची को गोद लेंगे? तो उन्होंने कहा कि अभी प्रयास यह हो रहा है कि न्यायिक प्रकिया के तहत जो निःसतान दंपति है उनको प्राथमिकता दी जाती है. इसलिए पुलिस विभाग में अपील की है कि जो निःसतान दंपति है. वह बच्ची को गोद ले सकते हैं और उसका खर्च मेरे द्वारा उठाया जाएगा. यदि कोई आगे आता है तो उस पर भी विचार किया जाएगा.


बंधक बच्चों को किया सम्मानित
आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने सुभाष द्वारा बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चों सम्मानित किया. वहीं सिलेंडर बम का तार काट कर बच्चों की जान बचाने वाली अंजलि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

Last Updated : Feb 3, 2020, 11:33 PM IST

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