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लगातार दूसरी बार सलमान खुर्शीद की जब्त हुई जमानत - bjp candidate mukesh rajput defeated salman khurshid from farrukhabad

पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी सलमान खुर्शीद को बीजेपी प्रत्याशी मुकेस राजपूत के हाथो फर्रुखाबाद में हार का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं, वह लगातार दूसरी बार भी अपनी जमानत राशि नहीं बचा सके. उन्हे मात्र 55 हजार 258 वोट पाकर उन्हें संतुष्ट होना पड़ा, जबकि बीजेपी सांसद व प्रत्याशी मुकेश राजपूत को 5 लाख 69 हजार 880 वोट मिले.

फर्रुखाबाद से हारे कांग्रेस प्रत्याशी सलमान खुर्शीद.

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Published : May 24, 2019, 10:03 PM IST

फर्रुखाबाद: लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम मोदी की सुनामी के आगे कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अपनी जमानत भी नहीं बचा सके. लगातार दूसरी बार हार का दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आया.

फर्रुखाबाद से हारे कांग्रेस प्रत्याशी सलमान खुर्शीद.

ऐसा रहा है सलमान खुर्शीद का राजनीतिक सफर...

  • साल 1991 के चुनाव में शहर की जनता ने भरोसा करके सलमान खुर्शीद को जिताकर संसद पहुंचाया.
  • इसके बाद 2009 के चुनाव में सलमान खुर्शीद ने बीजेपी के चंद्रभूषण को हराकर बड़ी जीत हासिल की.
  • इसके बाद शहर की जनता पांच साल उनके पैर और घुंघरू दोनों ही ढूंढती रही, क्योंकि वह कुछ खास मौकों पर ही शहर में नजर आए.
  • लोगों से किए वादे पर खरे न उतरने के कारण ही 2014 के चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी और 95 हजार वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे. वह अपनी जमानत भी नहीं बचा सके.
  • इस बार तो वह अपने पिछले आंकड़े को भी नहीं छू पाए और मात्र 55 हजार 258 वोट पाकर उन्हें संतुष्ट होना पड़ा, जबकि बीजेपी सांसद व प्रत्याशी मुकेश राजपूत को 5 लाख 69 हजार 880 वोट मिले.

अपनी हार का नहीं पार्टी की हार का गम ज्यादा है. दिल्ली जाकर पार्टी की हार की समीक्षा करेंगे. इसके बाद पार्टी की ओर से अधिकृत बयान जारी किया जाएगा.
-सलमान खुर्शीद, पूर्व विदेश मंत्री

चुनाव के दौरान बड़बोलेपन के कारण रहे सुर्खियों में

  • पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस प्रत्याशी सलमान खुर्शीद ने चुनाव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए रिश्ते में अपने आपको उनका बाप बताया था.
  • इतना ही नहीं, अमित शाह से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर उन्होंने जमकर जुबानी हमला बोला था, जिसका खामियाजा भी उन्हें कहीं ना कहीं चुनाव में में जरूर भुगतना पड़ा है.

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