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फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर भरा बाढ़ का पानी, ग्रामीणों की बढ़ीं मुश्किलें

यूपी के फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर 136.95 मीटर पर पहुंच चुका है. फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर बाढ़ का पानी भरने से आवागमन करने में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग.

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Published : Aug 29, 2020, 3:53 PM IST

फर्रुखाबाद:जिले में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर 136.95 मीटर पर पहुंच चुका है. फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर बाढ़ का पानी भरने से आवागमन करने में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गंगा और रामगंगा नदी के किनारे बसे ग्रामीणों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है.

फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर भरा बाढ़ का पानी.

जिले में गंगा और रामगंगा उफान पर पहुंच गई हैं. लगभग 50 से अधिक गांव बाढ़ की जद में आ चुके हैं. गंगा का जलस्तर 136.95 मीटर पर पहुंच चुका है, जबकि चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर पर है. वहीं रामगंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 10 सेंटीमीटर पानी बढ़कर 135.80 मीटर पर पहुंच गया है. इसमें 16,472 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर चित्रकूट पर एक से दो फीट पानी बह रहा है. शनिवार को आवागमन के दौरान कई लोगों की बाइकें बंद हो गईं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर आवागमन ठप भी हो सकता है.

तटवर्ती इलाकों में स्थिति हुई भयावह
गंगा और रामगंगा की बाढ़ से 50 से अधिक गांव प्रभावित हो गए हैं. तटवर्ती गांवों की स्थिति भयावह हो गई है. घरों और झोपड़ियों में पानी भर जाने से ग्रामीण परेशान हैं. इमादपुर के निकट तेज धार के साथ गंगा की बाढ़ का पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. गंगा और रामगंगा की बाढ़ का पानी सबलपुर, सुंदरपुर, भुड़रा, नगला दुर्ग, पट्टी भरखा, जसूपुर गढ़िया, सैदापुर, तीसराम की मड़ैया, आशा की मड़ैया, उदयपुर,जोगराजपुर, कंचनपुर, रायपुर आदि गांव के घरों और झोपड़ियों में भर गया है. ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकल रहे हैं.

मवेशियों को चारे की हुई समस्या
बाढ़ का पानी क्षेत्र की अधिकांश भूमि में भर गया है, जिससे फसलें खराब हो रही हैं. ग्रामीणों के सामने मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है. ग्रामीणों ने सड़क किनारे मवेशियों को बांध दिया है. लोग पूरे दिन मवेशियों के चारे के इंतजाम में लगे रहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के पानी में झोपड़ी में भरा भूसा भी सड़ गया है.

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