फर्रुखाबाद :कोरोना की दूसरी लहर ने देश में काफी तबाही मचाई है. इस संकट काल में लाखों लोगों ने अपनों को खोया है. कोविड-19 की वजह से कई परिवार पूरी तरह खत्म हो गए तो कई बच्चे अनाथ हो गए. कई तो ऐसे भी हैं जिनकी देखभाल के लिए परिवार में कोई सदस्य नहीं बचा है. अनाथ बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अब इन्हें सरकार की मदद की आस है.
अनाथ बच्चों के लिए अलग से योजना की मांग
मात्र ढाई साल की उम्र में अनाथ हो गए अनमोल को जिंदगी और मौत का फर्क भी नहीं मालूम. हालांकि परिवार में छाई उदासी ने उसकी आंखों में भी वीरानी भर दी है. बड़ी बहनें 14 वर्षीय अंशिका, 12 वर्षीय वंशिका व चार वर्षीय आरोही की भी बाल सुलभ चंचलता न जाने कहां गुम हो गयी है. एक निजी अस्पताल की पैथोलॉजी में लैब टेक्नीशियन रहे 35 वर्षीय अरुण पाल की हाल ही में कोरोना से अचानक मौत के बाद उनकी पत्नी और चार मासूम बच्चों की मां रन्नो देवी को रो-रोकर बुरा हाल है. इन स्थितियों में महामारी में अनाथ हुए या निराश्रित हुए बच्चों के लिए अलग से सरकार से योजना घोषित करने की मांग चल रही है.