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नौकरी का फर्जी विज्ञापन निकालकर फंसाते, फिर ऐंठते थे रुपए, फर्रुखाबाद पुलिस ने चार को किया गिरफ्तार - नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा

Fraud in Farrukhabad: गिरफ्तार ठगों ने बताया कि अखबारों और अन्य माध्यमों से फर्जी विज्ञापन निकलवाकर लोगों को फंसाते थे. फिर समय-समय पर रुपए की डिमांड करते थे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 6:10 PM IST

चार शातिर ठगों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय सिंह.

फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद जिले में सोमवार को पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से चार पहिया वाहन, बाइक, दो लैपटॉप, दो प्रिंटर, 57 सिम कार्ड, 12 एटीएम आदि काफी सामान बरामद हुआ है.

अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय सिंह ने मीडिया को बताया कि सीओ सिटी के निर्देशन में कोतवाली फर्रुखाबाद की टीम ने चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला शीशम बाग निवासी उज्जवल गुप्ता पुत्र सुरेश चंद, अरुण गुप्ता उर्फ चक्रेश गुप्ता निवासी कलान निकट पुरानी होली टेह, थाना कलान, शाहजहांपुर हाल पता ग्राम व पोस्ट रजौली थाना गुडम्बा जनपद लखनऊ, अंशुल शुक्ला निवासी ग्राम परौर थाना परौर जनपद शाहजहांपुर.
सुनील कुशवाहा निवासी ग्राम उल्फत नगर रफियाबाद कलान, शाहजहांपुर हाल पता बक्सी का तालाब अस्ती रोड थाना बक्सी का तालाब जनपद लखनऊ को गिरफ्तार किया. इस दौरान जनपद शाहजहांपुर थाना कलान के रफियाबाद निवासी प्रवीण मिश्रा भाग जाने में सफल रहा.

अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय सिंह ने बताया कि यह लोग वन विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करते थे. इन लोगों पर वर्ष 2015 में जनपद हरदोई में मुकदमा हुआ था. यह लोग मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को ठगते थे. अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि हम लोग वन विभाग में नौकरी दिलाने के लिए अंतर्जनपदीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया जैसे फेसबुक तथा न्यूज पेपर पत्रिका के माध्यम से विभिन्न प्रांतों में इस्तहार लगाते है. जिसमें एक फर्जी नम्बर लिख देते हैं.

जिसके झांसे में आकर लोग फोन व मैसेज करते हैं तो उन लोगों से झूठ बोलकर फर्जी विज्ञापन भेजकर नौकरी दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन कराने के एवज में फर्जी खातों में धन ट्रान्सफर करवाते हैं. इसके बाद नियुक्ति तथा बीमा आदि की बातें बताकर हम लोग ठगी करते है. बरामद किया लैपटॉप में हमारे फर्जी दस्तावेज सुरक्षित करते हैं. प्रिंट निकाल करके सरकारी अधिकारी बनकर उनके फर्जी कूट रचित हस्ताक्षर करके नियुक्त प्रमाण पत्र तथा अन्य दस्तावेज तैयार कर ठगी करने हेतु झांसे में आये लोगों को भेजते हैं.

रजिस्ट्रेशन के नाम से 550 रुपए एक फर्जी एकाउंट में डलवाते हैं. सिक्योरिटी मनी के नाम पर 10 या 15 हजार रुपए उसी खाते में डलवाए जाते हैं. उसके बाद नियुक्ति के लिए उसके पते पर फर्जी नियुक्ति पत्र पीडीएफ के माध्यम से व पोस्ट ऑफिस से भेजते हैं. विभाग के द्वारा 7 लाख रुपए बीमा कराये जाने के नाम पर उससे 1% से लेकर 2% तक 7 से 14 हजार रुपए तक फाइल चार्ज के नाम पर लिया जाता था.

पैसा जिस एकाउंट में डलवाया जाता है. वह खाता दूसरे व्यक्ति के नाम पर फर्जी होता है. हम लोगों ने अभी तक इसी प्रकार जालसाजी व फर्जीवाड़ा करके अपनी सम्पत्ति अर्जित की है उपरोक्त धन से हम लोग अपने मंहगे शौक मंहगी गाड़ियां रखकर लग्जरी जीवन व्यतीत करते थे.

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