फर्रुखाबाद: पोटैटो सिटी के नाम से मशहूर फर्रुखाबाद में इस बार आलू के दामों में बढ़ोतरी होने से किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. तीन साल बाद आलू का रेट 1300 रुपये कुंतल तक पहुंच गया है. पिछले कई सालों से आलू की बंपर पैदावार होने के बावजूद आलू कौड़ियों के भाव में बिकता था, जिससे कर्ज के बोझ से दबा किसान परेशान चल रहा था. नोटबंदी की साल तो किसानों ने आक्रोशित होकर सड़क पर आलू फेंककर ट्रैक्टर से कुचल दिया था, लेकिन इस बार भगवान ने अन्नदाता की सुन ली है.
फर्रुखाबाद के किसानों के आय का साधन है आलू की बुआई
उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद आलू उत्पादन के लिए देश में सर्वोच्च स्थान रखता है. जिले के अधिकांश किसानों की आय का साधन ही आलू की फसल हैं या यूं कहें कि आलू बोना यहां के किसानों के लिए इज्जत का सवाल होता है. इस बार न केवल आलू की पैदावार बेहतर हुई है बल्कि मुंबई, केरल, बंगाल समेत अन्य प्रदेशों की मंडियों में मांग होने के कारण आलू के अच्छे दाम भी मिल रहे हैं. इससे किसान, व्यापारी और आलू आढ़ती के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं.
आलू के दाम में हो सकता उछाल
18 नवंबर से सातनपुर मंडी में आलू आना शुरू हो गया था. इस दौरान 20 दिन तक लगभग 2200 रुपये कुंतल आलू का रेट रहा. हालांकि उसके बाद से अब तक आलू के रेट 1300 से 1450 रुपये प्रति कुंतल के आस-पास हैं, जबकि पिछले वर्ष यही रेट 400 से 500 रुपये तक था. वहीं आलू के रेट में फिर से उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है.
इस साल किसानों के मिल रहा अच्छा दाम
नोटबंदी की मार से पहले ही टूट चुके आलू किसान इस बार फसल को लेकर गंभीर संकट में थे, लेकिन बाजार में आलू के दाम अच्छे मिलने से किसानों का उत्साह बढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि आलू की खेती के लिए मौसम बेहतर रहा है. इसलिए पैदावार भी ठीक हुई है. फसल उनके लिए लाभकारी सिद्ध हुई है. इससे पहले आलू के कम दामों को लेकर किसान काफी आहत हुए थे और उन्हें फसल से निराशा मिली थी. इस कारण लगातार कर्ज भी बढ़ता जा रहा था, लेकिन इस बार तो कर्ज भी माफ हो जाएगा.