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इधर बाढ़ ने डुबाया, उधर सूखे ने मारा, किस्मत को कोस रहा किसान बेचारा

किसान इस बार दो तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है. एक ओर बाढ़ में जहां उसकी खेती डूबती जा रही है तो वहीं एक ओर उसे सूखे की मार झेलनी पड़ रही है. दोनों ही हालातों ने किसानों को हिलाकर रख दिया है.

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फर्रुखाबाद में कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा से परेशान किसान

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Published : Jul 24, 2022, 6:31 PM IST

Updated : Jul 24, 2022, 7:53 PM IST

फर्रुखाबादःजनपद में सूखे और बाढ़ ने किसानो की हालत खराब कर दी है. जहां एक ओर बारिश न होने की वजह से किसानों के खेतों की फसलें सूख रही हैं. वहीं दूसरी तरफ खेतों में बाढ़ का पानी भर जाने के कारण किसानों की फसलें खराब भी हो रही हैं. लगातार पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर से बढ़कर 136.50 मीटर पर पहुंच गया है. इससे तटवर्ती 24 गांवों में पानी आने से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. किसानों के हजारों एकड़ खेतों में धान, मक्का, उड़द और तिल की फसल जलमग्न होने की कगार पर हैं. इस तरह से जलस्तर बढ़ने से तीन से चार दिनों में कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.

फर्रुखाबाद में सूखे और बाढ़ पर परेशान किसान जानकारी देते हुए


बता दें कि की जनपद में एक तरफ कई गांवों के किसान सूखे की मार झेल रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. इस वजह से गंगा के किनारे बसे गांवों में ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. कई गांवों की फसलें बाढ़ में डूब गई हैं.

जनपद में 60 फीसदी लोग खेती-किसानी पर ही निर्भर हैं. दूसरी तरफ खेत में बाढ़ के पानी से किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है. नरौरा बांध से करीब 1,20,517 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस वजह से गंगा का जलस्तर 136.50 मीटर तक पहुंच गया है. आज गंगा चेतावनी बिंदु से 10 सेंटी मीटर नीचे बह रही है. गंगा किनारे बसे गांव हरसिंहपुर कायस्थय, ऊगरपुर, तीसराम की मड़ैया, सुंदरपुर, सवासी, माखन नगला, कुड़री सारंगपुर, जटपुरा कहिलियाई, जोगराजपुर, करनपुर घाट, गोटिया, फुलहा के किनारों तक पानी पहुंच गया है. इससे गांव के लोग भयभीत हैं. गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है.

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इस बाढ़ से निपटने के लिए ग्रामीणों ने अब खाने-पीने की सामग्री को एकत्र करना शुरू कर दिया है. गंगा के जलस्तर से शमसाबाद क्षेत्र के गांव समैचीपुर चितार में किसानों के खेतों का कटान शुरू हो गया है. किसानो ने बताया कि कुछ खेतों में पशुओं के लिए चारा था जबकि कुछ खेत खाली पड़े हैं. गंगा के जलस्तर बढ़ने से खेत पानी में समाए जा रहे हैं.

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Last Updated : Jul 24, 2022, 7:53 PM IST

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