फर्रुखाबाद: जिले में शिक्षकों के अभिलेखों की जांच में हो रही देरी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आलम ये है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते वर्ष 2010 के बाद शिक्षक बने लोगों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच अभी भी नहीं हो पाई है. अभिलेखों की जांच को लेकर अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और जांच का हवाला दे रहे हैं. 35 फीसदी शिक्षकों के अभिलेख 9 महीने बीतने के बाद भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं.
अनामिका शुक्ला प्रकरण से भी सबक नहीं ले रहे अधिकारी
अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद जून 2020 में अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिए थे कि परिषदीय कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में वर्ष 2010 के बाद से नियुक्त शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच करवाई जाए. जांच के दौरान फर्जी शिक्षकों पर त्वरित कार्रवाई की जाए. इतना ही नहीं जिला स्तर पर जांच करने के बाद इसे संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालयों को भी सत्यापन के लिए भेजी जाए.