फर्रुखाबाद:जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. गेहूं खरीद के मामले में गड़बड़ी मिलने पर डीएम मानवेंद्र सिंह ने विपणन निरीक्षक प्रदीप कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. वहीं, अब गेहूं खरीद में गड़बड़ी मिलने पर गेहूं क्रय केंद्र कुबेरपुर कुतलूपुर के सचिव संदीप कुमार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. डीएम ने एक हफ्ते के अंदर भ्रष्टाचार में लिप्त दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
जानें पूरा मामला
दरअसल, उपजिलाधिकारी सदर फर्रुखाबाद द्वारा की गई जांच में पाया गया कि सचिव संदीप कुमार द्वारा गेहूं क्रय केंद्र कुबेरपुर कुतलूपुर पर स्टॉक रजिस्टर, दैनिक क्रय पंजिका, बोरा रजिस्टर एवं तकपट्टी आदि नहीं बनाया गया है. संदीप कुमार द्वारा अभिलेखों की तैयारी में अनियमितता की गई. जांच पर संज्ञान लेकर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व पर फर्रुखाबाद को सचिव संदीप कुमार गेहूं क्रय केंद्र कुबेरपुर कुतलूपुर के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए. वहीं, कुछ दिन पहले उपजिलाधिकारी सदर की जांच में खुलासा हुआ था कि गेहूं क्रय केंद्र हार्ड गोदाम मोहम्मदाबाद में विपणन निरीक्षक प्रदीप कुमार द्वारा भी बिचौलियों के नाम पर गेहूं क्रय किया जा रहा है. किसानों के खाते के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर लिया जा रहा था.
भ्रष्टाचार के खिलाफ डीएम सख्त, एक हफ्ते में दो अधिकारियों पर FIR
यूपी के फर्रुखाबाद में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ डीएम की कार्रवाई जारी है. गेहूं खरीद में गड़बड़ी मिलने पर डीएम मानवेंद्र सिंह ने एक हफ्ते में दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
प्रभारी द्वारा ऑनलाइन टोकन स्थिति के आधार पर दोनों से गेहूं क्रय नहीं कर शासनादेश का भी उल्लंघन किया गया है. जिसके बाद जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेकर जिलाधिकारी ने जिला खाद्य एवं विपणन निरीक्षक फर्रुखाबाद को विपणन निरीक्षक प्रदीप कुमार के खिलाफ गेहूं खरीद में हेराफेरी, शासनादेश का उल्लंघन करने के मामले में तत्काल प्रभाव से मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया. साथ ही विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
जिले में गेहूं खरीदने के लिए 27 केंद्र बनाए गए हैं. जहां आए दिन शिकायतें मिलती हैं. संबंधित अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करते हैं और जो कमियां पाई जाती हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते हैं. जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारी व अधिकारियों में भय का माहौल है.
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