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कोरोना वायरस से बचाव के लिए औषधीय पौधों की बढ़ी मांग

वैश्विक महामारी कोरोना ने हर किसी को नए सिरे से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. अब रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर लोग अधिक सजग हुए हैं. इसलिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शहर में औषधीय पौधों की मांग बढ़ने लगी है. नर्सरी में इन पौधों की बुकिंग भी शुरू हो गई है. अब लोग अपने बगीचों में सजावटी फूलों की जगह औषधीय पौधे लगाने में रुचि दिखा रहे हैं. देखिए फर्रुखाबाद से यह स्पेशल रिपोर्ट...

farrukhabad medicinal plants special story
फर्रुखाबाद में कोरोना वायरस से बचाव के लिए औषधीय पौधों की बढ़ी मांग.

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Published : Jun 26, 2020, 4:06 AM IST

Updated : Jun 26, 2020, 2:30 PM IST

फर्रुखाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण जैसे-जैसे बढ़ रहा है. इससे बचाव के लिए लोग इम्युनिटी बढ़ाने में जुट गए हैं. यही वजह है कि शहर में नीम, गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा सहित अन्य औषधीय पौधों की डिमांड बढ़ गई है. लोग इन पौधों को अपने बगीचे में लगाने के साथ-साथ इनके इस्तेमाल के लिए एक्सपर्ट से भी सलाह ले रहे हैं.

लोगों में बढ़ी औषधीय पौधों की मांग.

15 दिन में मिले सैकड़ों पौधों के ऑर्डर
औषधीय पौधों की बढ़ी डिमांड पर नर्सरी के संचालक सुंदर लाल ने बताया कि उन्हें 15 दिन में सैकड़ों औषधीय पौधों का ऑर्डर मिला है. हालांकि इनमें सबसे अधिक डिमांड अश्वगंधा और गिलोय की है. साथ ही नीम, तुलसी व सहजन की मांग भी बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि पहले ज्यादातर लोग नीम और तुलसी के पौधे खरीदकर ले जाते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देसी नुस्खा को शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर बताया गया है. इसी के चलते आयुर्वेदिक पौधों की मांग बढ़ रही है.

60 से 70 प्रतिशत तक बढ़ी पौधों की डिमांड
नर्सरी के संचालक सुंदर लाल ने बताया कि पहले करीब 30 से 35 प्रतिशत तक इन औषधीय पौधों की बिक्री नर्सरी से हुआ करती थी, लेकिन अब 60 से 70 प्रतिशत तक पौधे की डिमांड अचानक बढ़ गई है.

औषधीय पौधों के प्रति जनमानस की बढ़ी रुचि
वैश्विक महामारी कोरोना में बदली परिस्थितियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के मद्देनजर औषधीय पौधों के प्रति जनमानस की रुचि बढ़ी है. फिर चाहे आम हो या खास, सभी इनका प्रयोग कर रहे हैं. पौधे लेने आए नरेंद्र ने बताया कि तुलसी, अश्वगंधा और गिलोय इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए बहुत लाभदायक है. बुजुर्गों से भी सुना है कि इसका काढ़े के रूप में सेवन किया जा सकता है.

शासन के आदेश पर दिया जा रहा खास ध्यान
विकासखंड बढ़पुर स्थित एक हेक्टेयर में वन विभाग की नर्सरी में काम करने वाले केयरटेकर नन्हें लाल जाटव ने बताया कि औषधीय पौधों को बीज डालकर उगाया जाता है. शासन के आदेश पर इन पौधों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. यह पौधा 4 से 5 माह में तैयार हो जाता है.

28 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
वन विभाग ने मानसून में होने वाले पौधारोपण को लेकर अपनी रणनीति बदली है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष वन क्षेत्र में करीब 28 लाख 36 हजार 910 पौधे लगाने का लक्ष्य है. फिलहाल वर्तमान में 59 लाख पौधे हैं. माना जा रहा है कि इस बार मानसून में पौधारोपण में औषधीय पौधों का वर्चस्व रहेगा.

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पौधे कीमत (रुपये में)
अश्वगंधा 7
तुलसी 15-20
नीम 7-10
सहजन 12
करी पत्ता 15
गिलोय 8
आंवला 10
बेल 15

इनका करें उपयोग
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर आयुर्वेदिक चिकित्सा के डॉक्टर अभिषेक अवस्थी बताते हैं कि तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय और सहजन सहित कुछ चीजें इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर है. वहीं उन्होंने बताया कि अगर बेल खाया जाय तो इससे पेट साफ रहता है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 2:30 PM IST

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