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कोरोना ने फिर लौटाया देसी वाटर कूलर का सम्मान

फर्रुखाबाद जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देसी वाटर कूलर यानि घड़े की डिमांड काफी बढ़ गई है. गांव हो या शहर, लोग घड़े को खरीद रहे हैं. देखें ये रिपोर्ट...

pitcher demand increased in farrukhabad
फर्रुखाबाद जिले में बढ़ी घड़े की डिमांड.

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Published : May 3, 2021, 10:32 AM IST

फर्रुखाबाद: जिले में चार दशक पहले तक गर्मी में पानी ठंडा करने के लिए मिट्टी का घड़ा घर-घर रखा जाता था. आम आदमी ही नहीं, शहर में पैसे वाले लोग भी घड़े का पानी पीना पसंद करते थे. जगह-जगह प्याऊ लगाए जाते थे. जमाना बदला और आधुनिक के दौर में फ्रीज और वाटर कूलरों का चलन बढ़ गया. गुमनामी में जा रहे घड़े का कोरोना ने सम्मान लौटाया. अब बुजुर्ग फ्रिज की जगह घड़े का पानी पीने की सलाह लोगों को दे रहे हैं. इससे घड़े की मांग बढ़ गई है.

घड़े की बढ़ी डिमांड.
दरअसल, पहले गर्मी बढ़ने के साथ ही हर घर में बालू बिछाकर उसके ऊपर घड़ा रखा जाता था. इसमें पानी भरकर सकोरे से ढक दिया जाता था. घड़े का पानी लगभग 2 घंटे में ठंडा हो जाता था. साथ ही मिट्टी की सौंधी सुगंध आती थी. इससे पानी का स्वाद पसंद किया जाता था. मिट्टी के घड़े का पानी स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है. कुछ वर्षों से घड़ा और सुराही विलुप्त होने लगे थे. मांग घटने से कुंभकार ने घड़े बनाना कम कर दिया था. कोरोना काल में फ्रिज के ठंडे पानी से परहेज ने अब फिर घड़े की मांग बढ़ा दी है. इन दिनों टोंटी वाले घड़े खूब बिक रहे हैं.
घड़ा बनाते कुम्हार.

घड़े का पानी पीने से नहीं होता कोई नुकसान
कुम्हार नन्हे सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि घड़े की डिमांड इस समय बढ़ी है. लोग घड़े को खरीद रहे हैं. इस समय कोरोना से आदमी बहुत परेशान है. घड़े के पानी पीने से हमारे शरीर में कोई नुकसान नहीं होता है. घड़े का पानी जब पहले व्यक्ति पीता था, तब बीमारियां कम होती थीं. आधुनिक युग में फ्रिज, वाटर कूलर का इस्तेमाल होने लगा तो कहीं न कहीं बीमारियां ज्यादा उत्पन्न हुई हैं.

कच्चा घड़ा.

80 से 150 रुपये में बिक रहा टोंटीदार घड़ा
फतेहगढ़ के भोलेपुर में घड़े की दुकान लगाए राजेश प्रजापति ने ईटीवी भारत को बताया कि घड़े की डिमांड कोरोना के कारण बढ़ी है. अब हम लोगों के पास स्कूलों, दुकानों, सरकारी विभागों, घरों से घड़ों की डिमांड आने लगी है. टोंटीदार घड़ा साइज के हिसाब से 80,120 व 150 रुपये तक बिक रहा है. घड़े के पानी में कीटाणु मर जाते हैं. शुद्धता रहती है. हमारे शरीर को कोई नुकसान नहीं देता. घड़े का पानी पीने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है. इसकी खूब मांग हो रही है, इसलिए उन्होंने घड़ा बनाना फिर शुरू कर दिया है.

घड़ा खरीद रहे लोग.

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क्या कहना है लोगों का

घड़ा खरीद रहे धर्मेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि घड़े का पानी लगभग मैं 15 साल से पी रहा हूं. घर में फ्रिज और वाटर कूलर भी है, पर फ्रिज का पानी यूज नहीं करता हूं. WHO का कहना है कि वाटर कूलर का पानी पीने लायक नहीं रहता. वहीं घड़े का पानी पीने से शरीद को फायदा मिलता है. वहीं रामू ने ईटीवी भारत को बताया कि घड़ा खरीद कर लाते हैं. फिर बालू को जमीन में बिछाकर घड़े को रखते हैं. फिर उसमें पानी डालते हैं और लगभग 2 घंटे में पानी ठंडा हो जाता है. उसका पानी पीने से हमारी बॉडी को बहुत फायदा मिलता है.

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