फर्रुखाबादः जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई विनोद कुमार पाल मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. शहीद की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा पड़ा. गांव नगला दत्तू शहीद को सैन्य सम्मान और बंदूकों की सलामी के बाद बेटे ने मुखाग्नि दी. खेत में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद की अंतिम विदाई में दुग्ध मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी पहुंचे. मंत्री ने शहीद के परिजनों को सांत्वना देते हुए 50 लाख रुपये का चेक दिया.
शहीद विनोद की अंतिम विदाई बता दें कि रविवार करीब दो बजे पुलवामा के गोंगू क्रासिंग पर चेकिंग के दौरान आतंकियों ने सीएआरपीएफ जवानों पर हमला कर दिया था. इस हमले में कायमगंज क्षेत्र के गांव नगला विधि के मूल निवासी सीआरपीएफ के नायब सूबेदार विनोद कुमार पाल (53) बुरी तरह घायल हो गए थे. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में विनोद ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद सोमवार देर शाम सेना की टुकड़ी शहीद विनोद का पार्थिव शरीर लेकर उनके गांव पहुंची थी. इसके बाद मंगलवार को शहीद का उनके गांव में अंतिम संस्कार किया. शहीद को बेटे योगेंद्र ने मुखाग्नि दी. इस दौरान दुग्ध मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे, सभी की आंखें नम हो गईं. अंतिम संस्कार के बाद मंत्री ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये का चेक दिया और एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया.
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बता दें कि शहीद हुए विनोद कुमार पाल ने आखिरी बार अपने बेटे योगेंद्र व पत्नी सुमन से फोन पर बात की थी. बेटे को गांव में खेत में बोरिंग संबंधी काम बताया और पत्नी से हाल-चाल लेकर शाम को बात करने के लिए कहा. इसके बाद शाम को परिवार से बात करने का मौका ही नहीं मिला. परिजनों ने उनके घायल होने की जानकारी सुमन को दी, मगर शहादत की बात नहीं बताई थी. उल्लेखनीय है कि कुछ महीने से शहीद का परिवार मोहल्ला दत्तू नगला नई कॉलोनी में रहने लगा है. 24 जून को वह 20 दिन छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गए थे. छुट्टी के दौरान पत्नी सुमन का ऑपरेशन कराया था.
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