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गेहूं खरीद केंद्र पर बिचौलिए हावी, कर्मचारी-अधिकारी नदारद

फर्रुखाबाद के ब्लाक शमशाबाद स्थित गेहूं खरीद केंद्र पर समय से किसानों के गेहूं की तौल नहीं हो पा रही है. किसान 5-6 दिन से किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों में खुला गेहूं लिए खुले आसमान के नीचे दिन गुजार रहे हैं. मौसम खराब होने की वजह से किसानों का गेहूं खराब होने की आशंका बनी हुई है.

फर्रुखाबाद गेहूं क्रय केंद्र
फर्रुखाबाद गेहूं क्रय केंद्र

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Published : Jun 6, 2021, 2:05 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. करीब एक सप्ताह में गेहूं खरीद के मामले में गड़बड़ी मिलने पर डीएम मानवेंद्र सिंह ने विपणन निरीक्षक प्रदीप कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. वहीं, अब गेहूं खरीद में गड़बड़ी मिलने पर क्रय केंद्र कुबेरपुर कुतलूपुर के सचिव संदीप कुमार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

जानकारी देते किसान.

भ्रष्टाचार में लिप्त दो अधिकारियों के खिलाफ FIR

डीएम ने एक सप्ताह के अंदर भ्रष्टाचार में लिप्त दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. वहीं ब्लॉक शमशाबाद के ग्राम मझंना में कृषक सेवा केंद्र पर गेहूं खरीद केंद्र बनाया गया है. लेकिन गेहूं केंद्र पर न तो सचिव मिलता है और न ही कोई अधिकारी. इस स्थिति में किसानों को अपने गेहूं बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का आरोप है कि केंद्र पर बिचौलिए भी हावी हैं. डीएम के लाख प्रयासों के बावजूद भी अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे किसानों का गेहूं

ब्लॉक शमशाबाद गेहूं खरीद केंद्र पर समय से किसानों के गेहूं की तौल नहीं हो पा रही है. किसान 5-6 दिन से किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों में खुला गेहूं लिए खुले आसमान के नीचे दिन गुजार रहे हैं. मौसम खराब होने की वजह से किसानों का गेहूं खराब होने की आशंका बनी हुई है.

सरकार के अरमानों पर पानी फेर रहा सिस्टम

किसान ने बताया कि केंद्र पर बिचौलिए हावी हैं. गेहू केंद्र पर सचिव नहीं मिलते. वहीं सुबह 8:00 बजे से केंद्र पर तौल शुरू हो जानी चाहिए, लेकिन यहां 12:00 बजे से पहले तौल नहीं की जाती. एसडीएम नरेन्द्र कुमार ने औचक निरीक्षण किया तो सचिव नदारद मिले, लेकिन अभी तक उन पर कार्रवाई नहीं की गई. हालांकि, एक तरफ सरकार किसानों को वाजिब मूल देकर खुशहाल बनाने की बात कर रही है तो वहीं सिस्टम सरकार के अरमानों पर पानी फेरने में लगा हुआ है.

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