फर्रुखाबाद: जिले में करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों का विश्वास नहीं जीत पा रही हैं. अभी भी हालात यह हैं कि जनपद में वर्तमान में 200 से अधिक मरीज कोरोना से पीड़ित हैं. लेकिन, जनपद मुख्यालय पर स्थित L-2 अस्पताल में मात्र 7 मरीज ही भर्ती हैं. इन्हीं हालात के चलते जिला प्रशासन को L-1 अस्पताल बंद करना पड़ा था.
बेरुखी का ये है कारण
महामारी के प्रकोप के दौरान शासन ने जनपद में पहले L-1 और बाद में L-2 अस्पताल की स्थापना की थी. केंद्र सरकार के कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन का विकल्प दिए जाने के बाद से ही अधिकांश लोगों ने सरकारी अस्पतालों की जगह घरों पर ही रहकर इलाज को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी थी. इसके पीछे L-1अस्पताल में मरीजों को मिलने वाले खाने और वार्डों में सफाई की खराब व्यवस्था थी. शुरू में तो कोविड एंड कंट्रोल सेंटर में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को फोन किए जाते रहे. अब इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है.
200 से अधिक हैं एक्टिव कोरोना संक्रमित