फिरोजाबाद: जनपद को पूरे देश में सुहाग नगरी के नाम से जाना जाता है. इसकी वजह है कि यहां बड़े पैमाने पर चूडियों का कारोबार होता है और चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं. करवाचौथ का त्योहार भी महिलाएं अपने सुहाग की सलामती के लिए रखती हैं. इस दिन ज्यादातर महिलाएं खासतौर से लाल रंग की चूड़ियां पहनना पसंद करती हैं. इस त्योहार में कुछ ही दिन शेष बचे हैं, ऐसे में फिरोजाबाद के चूड़ी बाजार में अचानक उछाल आ गया है. जिससे चूड़ी कारोबारियों के चेहरे पर खुशी बढ़ गई है.
बाजारों में बढ़ी चहल-कदमी
कोरोना महामारी के चलते पूरा देश आर्थिक मंदी की चपेट में है. ज्यादातर कारोबार ठप पड़े हैं. मार्च से लेकर अब तक कारोबार जगत निराशा में डूबे हुए हैं. हालांकि अब लॉकडाउन खत्म हो चुका है, लेकिन कारोबार मंदी से उबर नहीं पा रहा है. फिरोजाबाद के चूड़ी कारोबार की कहानी भी कुछ ऐसी ही रही है. मार्च से लेकर सितम्बर तक कई त्योहार भी पड़े, लेकिन चूडियों की डिमांड न होने की वजह से इस कारोबार को बड़ा घाटा झेलना पड़ा. फिरोजाबाद में करीब 200 कारखानों में चूडियों का उत्पादन होता है, जिनसे पांच लाख लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है. आम दिनों में यहां 300 करोड़ का कारोबार हो जाता था, जो लॉकडाउन के दौरान एकदम ठप पड़ गया था. लॉकडाउन के बाद त्योहार के सीजन में कारोबार में 60 फीसदी का उछाल आया है. आमतौर पर करवाचौथ और दीपावाली के त्योहार के मद्देनजर चूड़ियों की बिक्री बढ़ जाती है. लिहाजा इस बार भी बाजारों में चहल-कदमी बढ़ गयी है और फिरोजाबाद का चूड़ी बाजार ग्राहकों से गुलजार हो गया है. इससे चूड़ी कारोबारियों में खुशी का माहौल है.
ग्राहकों को लुभाने के पूरे इंतजाम
करवाचौथ पर सामान्यत: लाल रंग की चूड़ियां बिकती हैं. यही वजह है कि दुकानदारों ने महिला ग्राहकों को आकर्षित करने के मकसद से आकर्षण डिजाइन वाली लाल रंग की चूडियों को अपने-अपने शोरूम में सजा कर रखा है. इन चूड़ियों की बंपर बिक्री भी हो रही है. कुल मिलाकर जहां कुछ समय पहले तक बाजार सुनसान पड़ा था तो अब त्योहारों के मद्देनजर कारोबारियों को अच्छे व्यापार की उम्मीद जगी है.