लाभार्थियों की जांच में फंसा कांशीराम आवासों का आवंटन
करीब 9 वर्षों पहले प्रदेश में बसपा शासन के दौरान 96 आवास बने थे. तब तैयार आवासों में पानी की टंकी व खिड़कियों के शीशे नहीं लगे थे. जिससे 9 वर्ष बाद भी उन्हें गरीबों को दिए जाने की नौबत नहीं आ सकी. करोड़ों की लागत के आवास इस अवधि में जीर्णशीर्ण हो गए. कहीं खिड़कियां तो कहीं दरवाजे टूट गए. कहीं फर्श उखड़ गया ड्रेन पाइप तो सभी आवासों के टूट गए.
लखनऊः यूपी के फर्रुखाबाद जिले में बेघर शहरी निर्धनों को मिलने वाले कांशीराम आवासों का आवंटन अब राजस्व विभाग द्वारा लाभार्थियों की जांच में फंसा है. 9 वर्ष पहले बने 96 आवास आवंटन से पहले ही खंडहर होने लगे थे. इस वर्ष इन आवासों का जीर्णोद्धार कर इन्हें फिर से रहने लायक बनाया गया है. लेकिन अब पुराने आवंटन की जांच के लिए मामला लटकता नजर आ रहा है. इससे इन सर्दियों में भी बेघरों को आवास मिल पाना मुश्किल ही लग रहा है.
करीब 9 वर्षों पहले प्रदेश में बसपा शासन के दौरान 96 आवास बने थे. तब तैयार आवासों में पानी की टंकी व खिड़कियों के शीशे नहीं लगे थे. जिससे 9 वर्ष बाद भी उन्हें गरीबों को दिए जाने की नौबत नहीं आ सकी. करोड़ों की लागत के आवास इस अवधि में जीर्णशीर्ण हो गए. कहीं खिड़कियां तो कहीं दरवाजे टूट गए. कहीं फर्श उखड़ गया ड्रेन पाइप तो सभी आवासों के टूट गए.