फर्रुखाबादः कलेक्टर साहब! मैं जिंदा हूं, मुझे अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया है. कुछ इस तरह की शिकायत कायमगंज कोतवाली के गांव गुलाबचा नगर मजरा ग्राम पंचायत मझोला का के रहने वाले मेहरबान सिंह ने अधिकारियों को दी है. मेहरबान सिंह कई बार अधिकारियों और तहसील दिवस में अपनी फरियाद लगा चुके हैं. लेकिन अपने को जिन्दा साबित करने की कोशिश अभी पूरी नहीं हुई.
कलेक्टर साहब! मुझे जिंदा कर दो... - Complaint given to Meherban Singh Deputy Collector
यूपी के फर्रुखाबाद जिले में एक व्यक्ति ने तहसील दिवस में उप जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देकर खुद को जिंदा करने की मांग की. शिकायतकर्ता ने कहा कि साहब, उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है. कई बार शिकायत करने के बाद भी सुधार नहीं हुआ है.
![कलेक्टर साहब! मुझे जिंदा कर दो... मेहरबान सिंह.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10157549-1014-10157549-1610034973476.jpg)
उपजिलाधिकारी से लगाई न्याय की गुहार
तहसील व विकासखंड कायमगंज के गांव गुलबाजनगर मजरा व ग्राम पंचायत मझोला निवासी मेहरबानसिंह पुत्र मनोहरलाल, जिलाधिकारी के नाम संबोधित एक शिकायती पत्र लेकर तहसील दिवस में मौजूद उप जिलाधिकारी कायमगंज के सामने पहुंच गए. मेहरबान ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिव ने मुझे जीवित होते हुए भी परिवार रजिस्टर में मृत दर्शा कर दिया है. पंचायत सचिव ने जीवन के सारे अधिकारों को समाप्त करने का कुचक्र रच दिया है. पीड़ित ने गुहार लगाते हुए कहा कि साहब मैं जिंदा हूं, इसलिए मेरे प्रकरण को संज्ञान में लेकर मुझे परिवार रजिस्टर में की गई गलती को सुधार कर जीवित दर्ज कराया जाए.
अपने को जिंदा करने की कोशिश
ग्राम पंचायत सचिव ने जीवित व्यक्ति के साथ अभिलेखों में हेरा फेरी कर एक अजीब सा कारनामा कर दिखाया. एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर देना, उस व्यक्ति के साथ कितनी बड़ी नाइंसाफी कही जा सकती है. जो जीवित होते हुए मृत घोषित होने की वजह से अपने को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाता फिरे, इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है.
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