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कन्नौज बस हादसा: DNA टेस्ट से ही होगी मृतकों की पहचान - DNA टेस्ट से होगी मृतकों की पहचान

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शुक्रवार रात भीषण सड़क हादसा हो गया. यहां के जीटी रोड हाइवे पर डबल डेकर बस और ट्रक में टक्कर हो गई, जिसके बाद बस में भीषण आग लग गई. इस हादसे में 10 लोगों की मौत होने की बात सामने आई है.

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कन्नौज बस हादसे में करीब 10 लोगों की मौत.

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Published : Jan 11, 2020, 6:13 AM IST

Updated : Jan 11, 2020, 7:22 AM IST

फर्रुखाबाद: जिले के गुरसहायगंज से जयपुर जा रही स्लीपर बस घिलोई में जीटी रोड पर ट्रक से भिड़ गई. हादसा इतना भीषण था कि ट्रक और बस दोनों में भीषण आग लग गई. आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि स्लीपर बस में फंसे यात्रियों को निकलने तक का मौका नहीं मिल सका. देर रात करीब एक बजे आईजी और कमिश्नर ने मौके पर पहुंचकर हादसे का जायजा लिया. आईजी जोन कानपुर मोहित अग्रवाल ने आठ से नौ लोगों के जिंदा जलने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शवों का डीएनए टेस्ट कराकर मृतकों की पहचान करने की कोशिश की जाएगी.

कन्नौज बस हादसे में करीब 10 लोगों की मौत.


शुक्रवार रात करीब सात बजे चतुर्वेदी बस सर्विस की स्लीपर बस जयपुर के लिए निकली थी. बस में फर्रुखाबाद से 27 यात्री और कन्नौज के गुरसहायगंज से 17 यात्री बैठे थे. इसके बाद आगे चलकर छिबरामऊ में भी कई सवारियां बैठीं. इनमें से ज्यादातर यात्री बालाजी के दर्शन करने तो कुछ रोजगार की तलाश में जयपुर जा रहे थे.

फिलहाल बस में कितने यात्री सवार थे, हादसे के 8 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी ने आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी है. हादसे की जानकारी पाकर आईजी जोन कानपुर मोहित अग्रवाल और मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे घटनास्थल पर पहुंचे, जहां जांच पड़ताल के बाद हादसे में 8 से नौ लोगों के मरने की पुष्टि की है, जबकि 22 यात्री जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं.

पुलिस ने नहीं दी सही जानकारी
ट्रक डाइवर रिंकू यादव के मामा अभिनंदन यादव ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि उनके भतीजे का एक्सीडेंट हो गया है, जिसकी जानकारी करने वह घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन हादसे के 8 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने उन्हें कोई सही जानकारी नहीं दी है.

ऐसे हुआ हादसा
फर्रुखाबाद से चलकर गुरसहायगंज से बस लगभग 26 किमी ही चल पाई थी कि छिबरामऊ से पांच किमी आगे जीटी रोड पर गांव घिलोय के पास दिल्ली की तरफ से आ रहे ट्रक से जबरदस्त भिड़ंत हो गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रक का डीजल टैंक फटने से आग लग गई, जिसने बस को भी अपनी चपेट में ले लिया. थोड़ी ही देर में बस आग का गोला बन गई. हादसा इतना भयानक था कि स्लीपर बस में फंसे यात्रियों को निकलने तक का मौका नहीं मिल सका. किसी तरह लगभग 15 सवारियों ने बस का शीशा तोड़ उससे कूदकर अपनी जान बचाई.

हादसों से रहा है पुराना नाता
13 जून 2018 में इसी ट्रैवल्स की एक बस जयपुर से फर्रुखाबाद लौटते हुए मैनपुरी में हादसे का शिकार हुई थी. तब बस डिवाइडर से टकरा गई थी. इसमें मौके पर ही 17 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद चतुर्वेदी बस सर्विस के मालिक विमल चतुर्वेदी के खिलाफ मामला तो दर्ज हुआ था, लेकिन जनपद में रसूख के चलते करीब दो साल बीत जाने के बाद अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है.

Last Updated : Jan 11, 2020, 7:22 AM IST

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