फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ जेल में हत्या के मुकदमे में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 5 कैदियों को राज्यपाल के अनुमोदन पर रिहा कर दिया गया. इन्हें 50-50 हजार के मुचलके पर छोड़ा गया है. हालांकि इस वर्ष 117 कैदियों ने रिहाई को लेकर आवेदन किया था. वहीं इससे पहले 27 जनवरी को भी दो कैदियों को रिहा किया गया है.
राज्यपाल के अनुमोदन पर पांच कैदियों की रिहाई. आजीवन सजा काट रहे पांच बंदियों की रिहाई
केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे इन पांच बंदियों को राज्यपाल का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वरिष्ठ कारागार अधीक्षक ने 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर छोड़ दिया. दया याचिकाओं के आधार पर कानपुर, जालौन और उन्नाव के एक-एक और हरदोई के दो बंदियों को जेल से रिहाई मिली है.
कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक एसएमएच रिजवी ने बताया कि रिहा बंदियों में जालौन निवासी परशुराम हत्या के मामले में 19 अगस्त 2004 से 16 वर्ष से अधिक उम्रकैद की सजा काट चुके थे. इसके अलावा 28 जुलाई 1981 को उन्नाव निवासी देवी को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और वह 12 वर्ष आठ महीने की सजा भुगत चुके थे. आजीवन कारावास की सजा काट रहे कानपुर निवासी श्रवण कुमार 12 वर्ष दस माह की सजा काट चुके थे. साथ ही हसीनुद्दीन निवासी हरदोई को हत्या मामले में 2003 को आजीवन कारावास की साज मिली थी. इसी तरह हरदोई निवासी मंगली को हत्या मामले में साल 2004 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
वरिष्ठ कारागार अधीक्षक के अनुसार, शासन के आदेश पर 27 जनवरी को भी दो कैदियों की रिहाई की गई थी. वहीं आजीवन कारावास की सजा में रिहाई पाकर इन सभी कैदियों के चेहरे खुशी से खिल उठे.
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