इटावा: जनपद के जिला कारागार में रविवार देर रात एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सूचना पर पहुंचे परिजनों ने युवक के नाबालिग होने के साथ पुलिस विभाग की लापरवाही की बात भी कही है. जेल अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पंकज छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार कर इटावा जिला जेल लाया गया था.
जिला जेल में युवक ने लगाई फांसी. जवाब से बचता रहा जेल प्रशासन
मृतक के ताऊ लाईक सिंह ने बताया कि सुबह 4 बजे उनको भाई ने फोन करके बताया कि पंकज ने जेल में फांसी लगा ली, जिसके बाद वह इटावा आए, लेकिन यहां पर कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं मिला और न ही यहां कोई जानकारी देने वाला था. लाईक सिंह ने बताया कि लड़के की उम्र सर्फ 15 साल थी. पोस्टमार्टम गेट पर शव ट्रॉली पर रखा हुआ था, इन सब बातों से लग रहा है कि बच्चे को फंसाया जा रहा था.
मृतक के भाई विजय बहादुर सिंह ने बताया कि उनका भाई 10 अगस्त को जेल आ गया था, जिसके बाद 14वें दिन उसके फांसी लगाने की जानकारी मिलती है. मृतक के भाई ने बताया कि उसको पास के ही एक शख्स ने फर्जी छेड़छाड़ के मामले में फंसा दिया था, जिसमें मामला दर्ज होने के बाद उसे जेल हो गई थी. विजय बहादुर ने बताया कि बीती रात को जेल से फोन गया था और उन्होंने भाई की तबीयत ठीक न होने की बात कहकर खर्चा भेजने की बात कही थी. इसके बाद रात 1बजे फिर फोन आया और बताया गया कि पंकज ने बाथरूम में फांसी लगा ली.
उम्र को लेकर मचा बवाल
जेल अधीक्षक राजकिशोर सिंह ने बताया कि पंकज यादव जो औरैया से 363 के मामले में जेल आया था, उसने बीती रात गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं आधार कार्ड के अनुसार उसकी उम्र कम होने की बात पर जेल अधीक्षक ने कहा कि जेल मैन्युअल के अनुसार कैदी की उम्र जेल का डॉक्टर तय करता है, वही उम्र मान्य होती है. जेल अधीक्षक राजकिशोर ने कैदी के बाहर रहने की बात पर कहा कि यह जांच का विषय है और इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.