इटावा : 1952 से लेकर 2014 के लोकसभा चुनाव तक इटावा लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का वर्चस्व देखने को मिला है. इस सीट पर 9 बार सपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है तो वहीं कांग्रेस 4 बार और भाजपा ने 2 बार जीत का परचम लहराया है.
इटावा लोकसभा सीट से सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रही हैं. यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती है और इस बार भी सपा, बसपा से गठबंधन के कारण अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है. हालांकि 2014 में मोदी लहर के चलते यह सीट भाजपा के पाले में चली गई थी. जिलाध्यक्ष, सपा विधि प्रकोष्ठ अश्विनी सिंह का कहना है कि इस बार यह सीट सपा के खाते में ही जाएगी.
मीडिया प्रभारी भाजपा जितेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार पार्टी बूथ स्तर तक बेहद मजबूत है, भाजपा ने जनता के हित में काम किए हैं इसलिये इस बार भी सपा को मात मिलेगी. कांग्रेस जिलाध्यक्ष उदयभान सिंह का कहना है कि पार्टी को बुथस्तर तक मजबूत किया है इसलिए इस बार इस सीट से कोंग्रेस ही बाजी मारेगी.
पार्टियों के नेता और पदाधिकारी भले ही इटावा लोकसभा से अपनी-अपनी पार्टी की जीत का दावा कर लें लेकिन कौन सी पार्टी इस सीट से अपना परचम लहराएगी यह तो जनता के हाथ में है.