इटावाः जिला कारागार में रविवार देर रात संदिग्ध अवस्था में कैदी ने आत्महत्या कर ली थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. वहीं इस मामले का कानपुर जोन डीआईजी जेल बीपी त्रिपाठी ने संज्ञान लिया और सोमवार को इटावा जिला जेल पहुंचे. डीआईजी जेल ने जांच करने के बाद लापरवाही के चलते जेल वार्डन और जेल हेड वार्डन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. वहीं उन्होंने आगे जांच की भी बात कही है.
इटावाः जेल में आत्महत्या मामले में दो अधिकारी निलंबित
इटावा जिला कारागार में युवक के फांसी लगाने के मामले में डीआईजी जेल ने जेल वार्डन और जेल हेड वार्डन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. डीआईजी जेल ने बताया कि शुरुआती जांच में इन दोनों अधिकारियों की लापरवाही पाई गई है.
10 अगस्त को जिला जेल में औरैया से छेड़छाड़ के मामले में पंकज यादव पुत्र रमेश चंद्र आया था, जिसके बाद 23 अगस्त की रात को उसने संदिग्ध परिस्थितियों में जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं इस मामले में मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था, जिसके बाद डीआईजी जेल ने इटावा पहुंचकर कार्रवाई करते हुए जेल वार्डन और जेल हेड वार्डन को निलंबित कर दिया.
डीआईजी जेल वी पी त्रिपाठी ने बताया कि 10 अगस्त को पंकज यादव एक मामले में जेल आया था. उसने बीती रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. शुरुआती जांच में जेल वार्डन और जेल हेड वार्डन की लापरवाही सामने आई है, जिस वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहीं डीआईजी जेल ने जेल से फ़ोन पर परिजनों से पैसे मांगने की बात पर कहा कि अभी जांच की जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.