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इटावा में वैक्सीन लगने के 12 घंटे बाद तीन माह के बच्चे की मौत, स्टाफ पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप

उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद के ऊसरा अड्डा आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चे को जन्म के बाद बीमारियों से बचाव के लिए लगने वाला टीका लगाया गया था. परिवार वालों ने स्टाफ पर लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया.

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Published : Apr 7, 2023, 5:22 PM IST

इटावा की घटना के बारे में बताते बच्चे के ताऊ मुलायम सिंह और नोडल अधिकारी डॉ. श्रीनिवास यादव.

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद के ऊसरा अड्डा में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र पर जन्म के बाद बीमारियों से बचाव के लिए टीका लगने के 12 घंटे बाद तीन माह के बच्चे की मौत हो गई. परिवार वालों ने टीका लगाने वाली आशा व एएनएम समेत स्टाफ पर गलत इंजेक्शन लगाए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस कार्रवाई की मांग की है. मामला बढ़ने पर सीएमओ स्तर की चार सदस्यीय टीम बनाकर जांच कराई गई. साथ ही बच्चे को लगाई गई डोज को जब्त कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया. जिम्मेदारों ने रिपोर्ट आने के बाद मौत का सही कारण ज्ञात होने पर कार्रवाई की बात कही है.

फ्रेंड्स कालोनी निवासी रामकेश कुशवाहा शटरिंग मिस्त्री हैं. उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी साधना बुधवार को बेटे हर्ष को जन्म के तीसरे माह में लगने वाला टीका लगवाने के लिए ऊसरा अड्डा स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र पर गई थी. जहां आशा सुनीता और एएनएम सुरेखा ने बच्चे को टीका लगाया, जिसके बाद पत्नी बेटे को लेकर घर आ गई. रात में अचानक बेटे को बुखार के साथ उल्टियां व दस्त होने लगे तो आंगनबाड़ी से मिले बुखार का सिरप पिलाकर सुला दिया.

इसके बाद रात लगभग तीन बजे बेटे के सांस न लेने पर वह घराबकर बच्चे को अस्पताल लेकर गए तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बेटे की मौत के बाद मां ने आरोप लगाया कि उसका बेटा बिल्कुल स्वस्थ्य था. लेकिन, टीकाकरण के बाद उसकी अचानक तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. आंगनबाड़ी केन्द्र पर उसके बच्चे को गलत टीका लगाया गया है. इसी वजह से बच्चे की मौत हुई है.

टीकाकरण के बाद बच्चे की मौत का मामला संज्ञान में आने पर स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े हो गए. आनन-फानन में टीकाकरण अभियान के नोडल अधिकारी श्रीनिवास यादव की निगरानी में चार सदस्यीय टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर पहुंचकर एएनएम व आशा से पूछताछ करने के साथ बच्चे को लगाई गई वैक्सीन को जब्त किया.

नोडल अधिकारी श्रीनिवास का कहना है कि एक वायल से दस बच्चों को टीका लगाया जाता है, जिसमें छह बच्चों को टीका लगा था. पांच पूरी तरह स्वस्थ्य हैं. हालांकि, इस बच्चे की मौत हुई है, जिसका कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग सकेगा. उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई गई है, जिसमें यूनिसेफ के जिला प्रतिनिधि अनिल तोमर, एनएचएम के डिस्ट्रिक काेर्डीनेटर मनोज कुमार एवं प्रतिरक्षण अधिकारी वीरेन्द्र सिंह के अलावा चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. सादाब आलम शामिल हैं.

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