इटावाः प्रधानमंत्री ने दो दिन पहले देश के नाम संबोधन में कोरोना महामारी में राहत पैकेज की घोषणा की. इस पैकेज को लेकर जहां कई लोगों में राहत दिखी तो कहीं लोग निराश दिखे. यह पैकेज अब चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी चर्चा को लेकर ईटीवी भारत ने जिले के राजनीतिक लोगों से बात की और जाना कि यह पैकेज उनकी उम्मीद पर कितना खरा उतरता है.
प्रधानमंत्री के आर्थिक पैकेज पर राजनीतिक पार्टियों की टिप्पणी. सरकार ने इससे पहले भी की हैं घोषणाएं
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 2 दिन पहले महामारी के इस दौर में राहत पैकेज की घोषणा की. 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज से व्यापारी वर्ग से लेकर सभी कई उम्मीदें लगाए हुए. इसको लेकर जनपद के विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखें. समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि ऐसे पैकेज की घोषणा सरकार कई बार पहले भी कर चुकी है. जिसका अभी तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले हर खाते में जो 15 लाख रुपये आने की बात कही थी. वो अभी तक नहीं आए.
गरीबों के हित में होगा यह पैकेज
भाजपा के जिला अध्यक्ष अजय धाकरे ने कहा कि जब सरकार 1 सेकंड में सभी खाते में 1000 रुपये भेज सकती है तो यह भी उसी तरह लोगों को लाभ पहुंचाएगा. अजय धाकरे ने कहा कि सरकार हमेशा गरीबों की हित को ध्यान में रखकर योजना बनाती है. अब देश को आत्मनिर्भर बनाने के सपने में यह पैकेज मददगार साबित होगा.
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देश की अर्थव्यवस्था लोगों के रोजगार पर निर्भर, न कि पैकेज पर
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयभान सिंह ने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था वहां के रोजगार पर निर्भर करती है. केंद्र सरकार को बने लगभग 7 साल हो गया और लगातार सरकार के बनने के बाद से लोग बेरोजगार हो रहे हैं. जिस वजह से कहीं न कहीं अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है. यह पैकेज भी सरकार की बाकी योजनाओं की तरह है, इससे गरीब वर्ग को कोई फायदा नहीं बल्कि जो भी उच्च वर्ग है, वही इसका लाभ ले पाएगा.