इटावा:ऊसराहार थाना क्षेत्र के सरसईनावर गांव में स्थित रामसर झील में दो दिन के अंदर 100 से अधिक कछुओं की मौत हो गई. बता दें कि कुछ दिन पहले कानपुर में पकड़े गए 1300 कछुए झील में छोड़े गए थे. झील के पानी में शिकारियों द्वारा जहरीली दवा डालने की शंका जनहित कल्याण समित के अध्यक्ष तिलक सिंह शाक्य ने जताई है. वहीं रेंजर प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि मृत कछुए सुंदरी प्रजाति के थे.
दरअसल, ऊसराहार थाना क्षेत्र के सरसईनावर गांव में स्थित रामसर झील में दो दिन के अंदर 100 से अधिक कछुओं की मौत हो गई, लेकिन वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा और अब मामले को दबाने में लगा हुआ है. मामला जब मीडिया का संज्ञान में आया तो आनन-फानन में वन विभाग के दारोगा महावीर सिंह कुछ कछुओं का पोस्टमार्टम कराने में लग गए. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग के कर्मियों ने कई मरे हुए कछुओं को एक नाव में भरकर गायब कर दिया.
बता दें कि पिछले सप्ताह कानपुर जिले में तस्करों से लगभग 1300 कछुए बरामद किए गए थे, जिन्हें सुरक्षित रखने के लिए जिले की सरसईनावर झील में छोडा गया था. बीते रविवार को लोगों ने कुछ कछुओं को मरा हुआ देखा तो इसकी जानकारी वन विभाग के कर्मचारियों को दी, लेकिन वन विभाग सूचना के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा. मंगलवार को जनहित कल्याण समित के अध्यक्ष तिलक सिंह शाक्य ने झील पर पहुंचकर मरे हुए कछुओं की दुर्गति देखी तो उन्होंने घटना की सूचना मीडिया व डीएफओ इटावा को दी, जिसके बाद आनन-फानन में वन विभाग के दारोगा महावीर सिंह मौके पर पहुंचे और कुछ कछुओं का पोस्टमार्टम कराने की बात कही.