इटावा:जिला अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट नियम के तहत जिन स्टाफ नर्सों की तैनाती की गई थी, उनसे ज्वाइनिंग के समय एक-एक लाख रुपये घूस के रूप में लिए गए थे. यह आरोप इटावा जिला कचहरी में भूख हड़ताल पर बैठीं जिला अस्पताल की स्टाफ नर्सों का है. इन नर्सों को सरकार और कम्पनी के बीच हुए करार के तहत नौकरी से निकाला जा रहा है.
कचहरी में धरना-प्रदर्शन करतीं स्टाफ नर्सें. सरकार और कंपनी के बीच हुआ था करार
करार के तहत इन स्टाफ नर्सों को 11 माह के लिये इटावा जिला अस्पताल में तैनात किया गया था, जो अब समाप्त हो गया है. इन स्टाफ नर्सों का कहना है कि ज्वाइनिंग के वक्त उनसे घूस के रूप में लम्बी रकम ली गई थी, इसलिये उन्हें पुनः अस्पताल में तैनाती मिले.
सीएमएस का कहना, शासन ही बढ़ा सकता है कॉन्ट्रैक्ट अवधि
इस मामले पर इटावा जिला अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि भूख हड़ताल पर बैठीं स्टाफ नर्सों के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि शासन ही बढ़ा सकता है, जबकि ज्वाइनिंग के समय ली गई लम्बी घूस के स्टाफ नर्सों के आरोपों का कोई भी जवाब सीएमएस साहब नहीं दे पा रहे हैं.
सवाल- आखिर क्यों की जा रही नई भर्ती
अब सवाल यह है कि 11 माह की इन अनुभवी स्टाफ नर्सों को निकालकर नए लोगों को क्यों भर्ती किया जा रहा है, जबकि इन्हीं स्टाफ नर्स का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई तो यही है कि नई भर्ती करने पर कम्पनी व जिला अस्पताल प्रशासन की अवैध कमाई होगी, जो इन स्टाफ नर्सों का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाने से नहीं होगी.