इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के पैसों में बंदरबांट हो रहा है. जिला प्रशासन लावारिस शवों को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए शव वाहन तक उपलब्ध नहीं करवाता है. इसके चलते लावारिस शव पोस्टमार्टम हाउस से श्मशान घाट तक रिक्शे से पहुंचाई जा रही हैं.
वाह रे यूपी पुलिस! लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के पैसों में भी बंदरबांट
जिले में लावारिश शव पोस्टमार्टम हाउस से श्मशान घाट तक रिक्शे से पहुंचाई जा रही है. आपको बता दें कि प्रशासन की तरफ से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए 2300 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन इटावा पुलिस अंतिम संस्कार में चंद रुपये ही खर्च करती है.
अंतिम संस्कार के पैसों में भी बंदरबांट.
50 किलो लकड़ी में हो रहा अंतिम संस्कार:
- प्रशासन के नियमानुसार लावारिस शवों को घटनास्थल से पोस्टमार्टम हाउस तक एम्बुलेंस से पहुंचाया जाता हैं.
- साथ ही पोस्टमार्टम के बाद लावारिस शवों को वाहन से अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचाई जाती हैं.
- बावजूद इसके इटावा में लावारिस शवों को रिक्शे से शमशान घाट तक पहुंचाया जा रहा है.
- इसके साथ ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में एक कुंतल लकड़ी लगाने का प्रावधान है.
- वहीं इटावा में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कुल 50 किलो लकड़ी से ही कर दिया जाता है.
शासन की तरफ से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए 2300 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन इटावा पुलिस अंतिम संस्कार में चंद रुपये खर्च करके बाकी रुपये अपनी जेबों के हवाले कर लेती है. हालांकि इस मामले में इटावा के डीएम एसएसपी चुप्पी साधे बैठे हैं.
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST