एटा: जिले के करीब 450 प्राथमिक विद्यालय के भवन बदहाल स्थिति में हैं, जिन्हें रखरखाव की बेहद जरूरत है. विद्यालयों के रखरखाव के लिए सरकारी बजट भी मौजूद है, उसके बाद भी विद्यालयों की सूरत नहीं बदल रही है. इसके पीछे विद्यालयों में तैनात प्रधानाचार्य की लापरवाही सामने आ रही है. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से लिस्ट तैयार कराई जा रही है और लापरवाह प्रधानाध्यापकों को चिन्हित किया जा रहा है. यदि जल्द ही स्कूलों में तैनात प्रधानाध्यापक अपने रवैए में बदलाव नहीं लाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, सभी प्राथमिक विद्यालयों में तैनात प्रधानाध्यापकों को 25,000 से लेकर 75,000 रुपये का बजट शैक्षिक सत्र में दिए जाते हैं. बताया जा रहा है कि यह बजट कम्पोजिट ग्रांट के तहत प्रधानाध्यापकों को मिलता है. इस बजट का प्रयोग प्रधानाध्यापकों को विद्यालय के रखरखाव के लिए करना होता है. यह पैसा स्कूल के मरम्मत में काम आता है.
पिछले शैक्षिक सत्र में पैसा ट्रांसफर हुआ था, लेकिन अभी तक उस पैसे का इस्तेमाल नहीं हुआ, जिससे विद्यालयों की हालत खराब है. इस बात को जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार भी मानते हैं. उन्होंने खुद विद्यालयों का निरीक्षण किया, जहां पर इस पैसे का उपयोग प्रधानाध्यापकों ने नहीं किया है.