एटा: जिले के सैनिक पड़ाव पर राजकीय जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी 2020 चल रही है. जिले के महोत्सव के आठवें दिन शनिवार को हास्य व्यंग के कवियों ने मंच से कविता पाठ कर पूरे पंडाल को हंसी के फुहारों से भर दिया. कवि सम्मेलन का आयोजन जिला प्रशासन की तरफ से कराया गया था.
कवियों ने पंडाल में भरे हंसी के फुहारे. एटा में आठवें महोत्सव का आयोजन
एटा महोत्सव के मुख्य पंडाल में आयोजित कवि सम्मेलन में देश के जाने-माने कवि बलवीर सिंह, विकास बोखल, विनीत पांडे और शंभू शिखर समेत कई अन्य कवि शामिल हुए. कवियों ने अपनी कविताओं से जहां एक तरफ दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया तो वहीं मौजूदा राजनीत पर जमकर कटाक्ष भी किया. एटा महोत्सव में कवि विनीत पाण्डेय ने 'हर बात तेरी है याद मुझे दसवीं के इम्तहान में, तूने फूल फेंक कर मारा था, देखा तेरी ओर उसी पल अपना दिल यह हरा था' को सुनकर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने जमकर तालियां बजाई.
महंगाई सहित आतंकियों पर किया कटाक्ष
वहीं महंगाई पर कटाक्ष करते हुए कवि विकास बोखल ने अपनी कविता 'इस महंगाई में कन्हैया यदि आए कहीं, सच कहता हूं रोटी दाल मार डालेगी पर खूब वाहवाही लूटी. इसके अलावा हिंद वाले शेर पाक जाकर जो दहाड़ देंगे, गीदड़ तुम्हारे यह बेचारे मर जाएंगे, अगर एंटी रोमियो को भेज देंगे योगी जी तो सानिया के देवर कुंवारे मर जाएंगे, राहुल को भेजे आप तो हिंद का तिरंगा पाक जाकर लहराएंगे इतनी पुरानी कांग्रेस निपटा दी तो पाक के आतंकियों को तो वहीं निपटा आएंगे.
राजनीत पर कसा तंज
देश के जाने-माने कवि शंभू शिखर ने जैसे ही अपनी कविता राजा बनने में बस थोड़ी सी देर है, सड़ने लगे शबरी के बेर हैं. जंगल में जाकर तो कोई भी रह सकता है, मगर पत्नी के साथ रहने वाला असली शेर है, सुनाया पूरा पंडाल ठहाकों से भर उठा. इसके अलावा किसानों द्वारा पराली जलाने पर हो रहे जुर्माने पर अपनी कविता मैली हुई चादर तो भी फेक नहीं सकते, घुटने है जाम इतने कि टेक भी नहीं सकते, यूपी की पुलिस कर देगी सर्दी में कुर्की, टायर जलाकर हाथ सेंक भी नहीं सकते से व्यवस्था पर प्रहार किया है.
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