एटा: जिले में किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत बुधवार को कृषि गोष्ठी का आयोजन अलीगंज ब्लॉक के तहसील परिसर में किया गया. इसका शुभारंभ आरएसएस के प्रांत कार्यवाहक राजपाल सिंह चौहान ने फीता काटकर किया. किसान कल्याण मिशन के तहत किसान हित में किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से संबंधित विभाग के अधिकारियों ने किसानों को पशुपालन और उनसे होने वाले लाभ जैसे जैविक खाद को तैयार करना, जैविक खाद से खेती करना, खेतों में फसल सुरक्षा के उपाय बताए.
जैविक खाद ने किसानों की बढ़ाई आय, बढ़ रही मांग
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत कृषि गोष्ठी का आयोजन अलीगंज ब्लॉक के तहसील परिसर में किया गया. गोष्ठी में सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई. जिले में जैविक खेती कर फसलें उगाई जा रही हैं. जैविक खेती से तैयार फसल का मूल्य सामान्य तरीके से उगाई गई फसल से अधिक होता है.
कृषि मेले में चर्चा का विषय रही जैविक खेती
कृषि गोष्ठी में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई. कृषि मेले में जैविक खाद से तैयार की गई फसलें चर्चा की केंद्र रही. गोष्ठी में आए किसान भी जैविक खेती की जानकारी लेते दिखे. जिले में 13 वर्ष से जैविक खेती करने वाले किसान विनोद चौहान ने किसान गोष्ठी में स्टॉल पर पूरी तरह से जैविक खाद से उगाई गई सब्जी को प्रदर्शित किया. एक संस्था के माध्यम से जिले के 400 किसानों को जैविक खेती करना सिखाया गया है.
400 किसान कर रहे जैविक खेती
किसान विनोद चौहान ने बताया कि 13 वर्ष से जैविक खेती से फसल तैयार कर रहे है. इसमें सबसे अधिक सब्जियां उगाई जाती हैं. जैविक खेती में गोबर की खाद से हम वर्मी कंपोस्ट बनाते है. इसे बुवाई के साथ प्रयोग करते है. बुवाई के बाद फसल 20 से 25 दिन की होती है. सोलर पैनल के तहत फसल की सिंचाई करते है. जब हमें ऊपर से कुछ पोषक तत्व देने की आवश्कता होती है, तब गो अमृत का प्रयोग करते है. यह हमें देशी गाय से प्राप्त होता है. देशी गाय के दूध के दही को मिलाकर एक लिक्विड तैयार करते है, फसल को अच्छा पोषक तत्व देता है. फसलों में मुख्यतः सब्जियां उगाते है. इसमें ब्रोकली,आलू, बंदगोभी, शलजम, कद्दू, गेहूं, सरसों आदि शामिल हैं. एक संस्था के माध्यम से जिले के 400 किसान जोड़े हैं. ये जिलेभर में जैविक खेती के माध्यम से फसलें उगा रहे है. जैविक खेती से तैयार फसल के मूल्य अन्य तरीके से उगाई गयी फसलों से अधिक होता है. कोरोनाकाल के समय सब्जियों को घर-घर जाकर सप्लाई की गई. सरकार का किसान कानून हम किसानों के लिए वरदान साबित होगा. फसलों को बिना बिचौलियों के कहीं भी बेच सकते है.