एटा: उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला, जहां के एक गांव में आजादी के बाद भी अभी तक बिजली नहीं पहुंच सकी है. गांव के लोग बड़े ही दुखी मन से अपनी व्यथा बताते हुए नजर आए. जिले के जैथरा ब्लॉक क्षेत्र का ढीपा गांव अभी भी विद्युतीकरण से वंचित है. गांव के लोगों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि वोटों के समय तो कह जाते हैं कि हमें जिताओ अगली बार बिजली आ जाएगी, मगर जीतने के बाद पहचानते तक नहीं है.
एटा के 103 अलीगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले ग्राम ढीपा में वोटरों की कुल संख्या 250 के आसपास है. इस गांव में कुल 90 के आसपास में कच्चे-पक्के मकान है. यह गांव अभी तक अंधेरे से आजाद नहीं हो पाया है. इस अंधेरे के साये में जी रहे बुजुर्ग दयाशंकर बताते है कि हमारे गांव में अभी तक बिजली नहीं है और मुझे उम्मीद है कभी आएगी भी नहीं. इसकी जानकारी लेने के लिए न कभी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि आते है और ना ही अधिकारी. आसपास के गांवो में 15 साल से बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है और पहुंच भी गई है. लेकिन हमारे गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंची पाई है.
सरकार भले ही डिजिटल इंडिया पर ध्यान केंद्रित कर रही हो लेकिन ये धरातल पर कितना उतरा, इसकी बानगी ये गांव ढीपा है. जहां, पर लोग बिजली न होने की वजह से आज भी तीन किमी दूर जैथरा कस्बे में जाकर अपना मोबाइल चार्ज करते हैं. इस गांव के सोरन सिंह का कहना है कि हमारे गांव में बिजली नहीं है. जिसके कारण हम लोग गांव के पास जैथरा कस्बे में और महमंता गांव में जाते है. महमंता गांव की दूरी भी यहां से दो कि.मी. है. अनीता बताती है कि हम लोग शाम को पांच बजे ही खाना बनाकर और 6 बजे तक खाना खाकर सो जाते है. वहीं बिजली न होने के कारण बच्चे शाम को पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.
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