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एटा: लुईस खुर्शीद को नहीं मिली अग्रिम जमानत, 9अक्टूबर को अगली सुनवाई - कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद

यूपी के एटा में गुरुवार को कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को जनपद न्यायालय से अग्रिम जमानत नहीं मिली. दरअसल डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 71.50 लाख की अनुदान राशि के घोटाले में लुइस खुर्शीद ने जमानत याचिका दायर की थी.

एटा का जिला सत्र न्यायालय

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Published : Oct 4, 2019, 7:58 AM IST

एटा:पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को जनपद न्यायालय से अग्रिम जमानत नहीं मिली. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के नाम से बनाए गए ट्रस्ट के माध्यम से साल 2010 में दिव्यांगों के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया था. मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने अलीगंज कोतवाली पुलिस से आख्या मांगने के साथ ही मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है.

लुईस खुर्शीद को नहीं मिली अग्रिम जमानत.
लुईस खुर्शीद को नहीं मिली जमानतसाल 2010 में भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से लुईस खुर्शीद के डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 71.50 लाख की अनुदान राशि विकलांग जनों को निशुल्क उपकरण बांटने के लिए मिले थे. यह राशि फर्रुखाबाद, कासगंज, मैनपुरी और अलीगढ़ समेत 14 जिलों में बांटने के लिए मिली थी. इसी के तहत एटा में भी छह लाख की राशि विकलांगों को उपकरण बांटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई थी. इस मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर सरकार द्वारा सक्षम एजेंसी से जांच कराई गई. जिसमें तहसीलदार और सीएमओ के हस्ताक्षर फर्जी पाए जाने की बात सामने आई. इसके बाद मामले में एजेंसी के इंस्पेक्टर द्वारा अलीगंज थाने में लुईस और संस्था के सचिव अतहर फारूकी के खिलाफ जून 2017 में FIR दर्ज कराई गई थी. मामले में लुईस और अतहर फारुखी की ओर से पहले विशेष न्यायालय एमपी / एमएलए इलाहाबाद में अग्रिम जमानत की याचिका डाली गई थी. इस याचिका पर आदेश देते हुए न्यायाधीश ने मामले को सम्बन्धित जनपद के न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने का आदेश दिया था.

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इसी मामले में एटा के न्यायाधीश के यहां अग्रिम जमानत का यह प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमे बीते सोमवार को सुनवाई हुई थी. शासकीय अधिवक्ता विनोद पचौरी ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया. जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल द्वारा 3 अक्टूबर को मामला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक के समक्ष प्रस्तुत किए जाने का आदेश पारित किया गया था. इसी के चलते गुरुवार को यह मामला कोर्ट संख्या एक में प्रस्तुत किया गया. न्यायालय के समक्ष मामला प्रस्तुत किए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक अशोक कुमार नवम ने मामले में पुलिस से आख्या तलब किए जाने के आदेश के बाद मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है.

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