एटा: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को एटा के जनपद न्यायालय से खारिज हो गई है. बता दें पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम से बनाए गए ट्रस्ट के माध्यम से साल 2010 में दिव्यांगों का शिविर लगाकर उपकरण बांटे जाने के लिए मिले लाखों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में याचिका खारिज हुई है. बुधवार को अग्रिम जमानत याचिका पर अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था.
सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज - लुईस खुर्शीद
उत्तर प्रदेश के एटा जनपद न्यायालय से लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है. लुईस खुर्शीद पर लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है.
लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज.
लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
- साल 2010 में लुईस खुर्शीद के डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 71.50 लाख रुपये की अनुदान राशि दिव्यांग जनों को निशुल्क उपकरण बांटने के लिए मिले थे.
- यह राशि फर्रुखाबाद, कासगंज, मैनपुरी, अलीगढ़ समेत 14 जिलों में उपकरण बांटने के लिए लुइस खुर्शीद के ट्रस्ट को भारत सरकार की तरफ से दिए गए थे.
- इसी के तहत एटा में भी छह लाख की राशि दिव्यांगों को उपकरण बांटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई थी.
- इस मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद सरकार द्वारा सक्षम एजेंसी से जांच कराई गई.
- जांच में तहसीलदार और सीएमओ के हस्ताक्षर फर्जी पाए जाने की बात सामने आई थी.
- मामले में जांच के बाद एजेंसी के इंस्पेक्टर ने अलीगंज थाने में लुईस और संस्था के सचिव अतहर फारूकी के खिलाफ जून 2017 में प्राथमिकी दर्ज करा दी.
- FIR दर्ज होने के बाद लुईस और एक अन्य अतहर फारूखी की ओर से पहले विशेष न्यायालय एमपी/ एमएलए इलाहाबाद के यहां अग्रिम जमानत की याचिका डाली गई थी.
- इस याचिका पर आदेश करते हुए न्यायाधीश ने मामले को संबंधित जनपद के न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने का आदेश दिया था.
- इसके बाद एटा के जनपद न्यायाधीश के यहां अग्रिम जमानत की याचिका डाली गई थी.
- जनपद न्यायाधीश रेणू अग्रवाल द्वारा न्यायालय के क्षेत्राधिकार संबंधी प्रश्न मामले को 3 अक्टूबर को मामला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के आदेश पारित किए.
- इसके बाद यह मामला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 1 अशोक कुमार नवम द्वारा सुना गया.
- इस मामले में शासकीय अधिवक्ता विनोद पचौरी और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश कुमार चौहान ने जमानत का विरोध करने वाली दलीलें दीं.
- दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने गुरुवार को इस मामले में फैसला सुनाया है.