एटा: कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस की तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से सजग दिखाई दे रहा है. देश-विदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. इसको लेकर शासन और प्रशासन तैयारियां करने में जुट गए हैं. सरकारों ने स्वास्थ्य महकमे को कोरोनावायरस (coronavirus) की तीसरी लहर से निपटने के लिए समुचित सुविधाएं एकत्रित करने को लेकर आदेशित भी किया है. एटा स्वास्थ्य विभाग (etah health department) ने भी तीसरी लहर को लेकर कमर कस ली है.
जिले के सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोरोनावायरस (coronavirus) की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में चार अस्पतालों को चिन्हित किया गया है. जो कि रूरल और जिला अस्पताल अर्बन क्षेत्र के हैं. इन अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल में तब्दील किया गया है. इन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज भी शुरू होने वाला है. जिसमें 100 बेड का एक कोविड सेक्टर भी बनाया गया है. जिसमें 40 बेड बच्चों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं. बाकी अस्पतालों में भी बच्चों के लिए 10 बेड रिजर्व रखे जाएंगे.
जानकारी देते सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी
सीएमओ ने बताया कि पहले से ही जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बच्चों के लिए दवाइयां की किट्स एकत्रित कर ली गयी हैं. वह किट्स हमने निगरानी समिति को सौंप दी हैं. अगर बच्चों को कोई भी परेशानी होती है तो तुरंत निगरानी समिति के माध्यम से बच्चों के पास दवाइयां पहुंचाई जाएंगी एवं उनके इलाज की संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी.
सीएमओ ने बताया कि क्लस्टर टीकाकरण अभियान (cluster vaccination campaign) के तहत हम वैक्सीनेशन पर काम कर रहे हैं. इस अभियान से हम 1 लाख 80 हजार लोगों का वैक्सीनेशन कर चुके हैं. इससे वैक्सीनेशन बढ़ रहा है जिसमें जनता प्रशासन और पत्रकारों से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है. जल्द ही हम अपने टारगेट को पूरा कर लेंगे और इस अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में भी लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं.
सीएमओ ने बताया कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है हमारे वैज्ञानिकों ने जांच परख कर ही इसको भेजा है. हमारी निगरानी समितियां और प्रशासन की ओर से बनाई गई टीमों ने गांव-गांव जाकर लोगों को जागरुक किया है. जिसमें सभी का सहयोग मिल रहा है और अब लोग आगे आकर वैक्सीनेशन करा रहे हैं. जिले में वैक्सीन की कमी को लेकर सीएमओ ने बताया कि जब डिमांड बढ़ेगी तो कहीं ना कहीं दिक्कत आती है. अब पहले की अपेक्षा वैक्सीन अधिक संख्या में लग रही है.