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सर,सॉरी और निवेदन के सरताज थे संदीप, ईटीवी भारत से बात करते हुए पिता का झलका दर्द - SP District President Parvez Zubairi

अलीगढ़ में हुए व्यापारी संदीप हत्याकांड को लेकर परिवार सदमे में है. लगातार लोगों का दर्द नजर आ रहा है. कोई सड़कों पर उतर कर नारेबाजी कर रहा है, तो कहीं व्यापारी कैंडल मार्च निकालते नजर आ रहे हैं.

व्यापारी संदीप के रिश्तेदार
व्यापारी संदीप के रिश्तेदार

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Published : Jan 1, 2022, 5:28 PM IST

एटा: मृत अल्ट्राटेक सीमेंट व्यापारी संदीप गुप्ता (cement trader sandeep gupta) अपने लचीले स्वभाव के लिए जाने जाते थे. उनकी बातों की डिक्सनरी में सर, सॉरी और निवेदन बार-बार रिपीट होता था. समाजसेवा में सबसे आगे रहते थे, चाहे वो सर्दियों के समय हजारों कंबल, स्वेटर, जैकेट या फिर कोरोना काल में खाद्य सामग्री या गरीब असहाय लोगों में वितरण हो, खाटू श्याम के संदीप परम भक्त थे.

अलीगढ़ में हुए व्यापारी संदीप हत्याकांड को लेकर परिवार सदमें है. परिवार को अब अपनी जान को खतरा लगने लगा है. वहीं, परिवार पूरी तरह से अपराधियों को पकड़ने की उम्मीद पुलिस से लगाये बैठा है. कहीं बात करते हुए पिता का दर्द झलक रहा है, तो कहीं भाइयों का गुस्सा.

सर,सॉरी और निवेदन के सरताज थे संदीप
27 दिसंबर को अलीगढ़ में हुई सीमेंट कारोबारी की हत्या के बाद परिवार ही नहीं अलीगढ़ से अलीगंज तक आम जनमानस की आंखें नम दिखाई दे रहीं हैं. लगातार लोगों का दर्द नजर आ रहा है. कोई सड़कों पर उतर कर नारेबाजी कर रहा है, तो कहीं व्यापारी कैंडल मार्च निकालते नजर आ रहे हैं.संदीप गुप्ता के पिता रामप्रकाश गुप्ता जब ईटीवी भारत से बात कर रहे थे तो बात करते करते शिसक पड़े. राम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हमारे चार बेटे थे, जिसमें संदीप दूसरे नंबर का था, संदीप घर में सबसे तेज था, सभी भाई संदीप की बात मानते थे, मगर चारों बेटे, मेरी बात मानते थे. हम अगर किसी बात पर नाराज हो जाते तो बच्चे जब तक हमें मना नहीं लेते थे, तब तक चैन से नहीं बैठते थे.संदीप के पिता बोले मुझे अफसोस है कि मेरे बेटे की मौत सरकारी गनर और प्राइवेट सुरक्षा होते हुए भी हो गयी. मुझे यह तक नहीं मालूम हुआ कि संदीप अपनी गाड़ी में गनर को नहीं बैठाता है. अगर मुझे जानकारी हो जाती तो हम ऐसा नहीं होने देते और वो मेरी बात मानता भी.27 दिसबंर को संदीप अलीगंज से ही अलीगढ़ गए थे. हम घर पर ही थे, यह आये और बाथरूम में नहाने के लिए चले गए, हमने नाती से पूछा कौन आया है तो नाती ने बताया कि चाचा आये हैं, जब तक हम कहते कहा हैं तब तक वो घर से अलीगढ़ जाने के लिए निकल गया. अंतिम बार भी हमसे मुलाकात नहीं हो सकी.ईटीवी भारत से बात करते हुए संदीप के पिता रो पड़े और कहने लगे आज जो पुष्प वर्षा अलीगढ़ से लेकर अलीगंज तक संदीप के ऊपर हो रही है वो पुष्प वर्षा मेरे मरने के बाद मेरे ऊपर होनी चाहिए थी, आज तक मुझे पता ही नहीं लगा इसकी कोई दुश्मनी थी.संदीप गुप्ता के बड़े भाई प्रदीप गुप्ता ने बात करते हुए बताया कि मेरे परिवार को तब संतुष्टि होगी जब पुलिस मेरे भाई के हत्यारों को जड़ से उखाड़ कर लायेंगे. मेरे भाई की हत्या में अकेले अग्रवाल का ही हाथ नहीं है, इसमें और भी लोगों की साजिश है. जब तक सभी नहीं पकड़े जाते तब तक चैन नहीं पड़ेगा. मेरे भाई की किसी से दुश्मनी नहीं थी.

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मृतक संदीप गुप्ता प्रदेश के बड़े कारोबारियों में सुमार थे. उनकी हत्या मंडल के बीच चौराहे पर कर दी जाती है. मगर बड़े नेता जैसे पूर्व मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आना भी व्यापारियों में रोष का कारण बनी हुई है. इस मामले में जब सपा के जिलाध्यक्ष परवेज जुबैरी (SP District President Parvez Zubairi) से बात की तो उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री को इस मामले में अवगत करा दिया गया है, हो सकता उनकी तरफ से कोई प्रतिनिधि मंडल भेजा जाए या स्वयं आये, इस सरकार में जंगल राज कायम है.

संदीप गुप्ता के सबसे छोटे भाई विजित गुप्ता ने बताया कि मेरे भाई संदीप बहुत ही विनम्र और सहनशीलता वाले व्यक्ति थे. वह कभी किसी से गलत नहीं बोलते थे. उनकी जुबान पर सबसे ज्यादा आने वाले शब्द सर, सॉरी और निवेदन थे. वह अगर किसी बच्चे से भी बात करते थे तो उसका नाम न लेकर बेटा से संबोधित करते थे. फिर भी पता नहीं लोग उनसे क्यों दुश्मनी मान बैठे और उनकी हत्या कर दी.

संदीप के छोटे भाई विजित गुप्ता ने बताया कि मेरे परिवार की सुरक्षा बड़ाई जाए. जब हमारे भाई पर हमला हो सकता है, उनकी कोई दुश्मनी भी नहीं थी, तो हमारे परिवार पर भी हमला हो सकता है.

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