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इलाज में लापरवाही से महिला की मौत, दो डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज - दो डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में इलाज में लापरवाही की वजह से महिला की मौत होने के मामले में दो डॉक्टरों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. मानवाधिकार आयोग तक शिकायत पहुंचने पर डीएम ने मामले की जांच कराई तो डॉक्टरों की लापरवाही उजागर हुई.

Case registered against two doctors in deoria
दो डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज.

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Published : Apr 5, 2021, 2:58 AM IST

देवरिया:इलाज में लापरवाही बरतने वाले दो प्राइवेट डॉक्टरों पर सलेमपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. मानवाधिकार आयोग तक पहुंची शिकायत पर डीएम ने मामले की जांच कराई तो लपरवाही उजागर हुई. डीएम के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है.

यह है मामला

सलेमपुर कोतवाली क्षेत्र के जमुई गांव निवासी संजना देवी पत्नी दीनदयाल की 20 अगस्त 2019 को जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई थी. गाजियाबाद के राजहंस बंसल ने मानवाधिकार आयोग में दो डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम आशुतोष निरंजन ने चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच का निर्देश दिया था. सलेमपुर एसडीएम ओमप्रकाश बरनवाल, सीओ कपिल मुनि सिंह, बीडीओ ओम प्रकाश प्रजापति और एसीएमओ डॉ सुरेंद्र सिंह ने जांच की. सल्फास खाने से महिला की मौत की पुष्टि हुई. टीम ने डीएम को रिपोर्ट सौंप दी.

डीएम के आदेश पर देर शाम सलेमपुर सीएचसी के प्रभारी डॉ. अतुल कुमार ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दिया. पुलिस ने खुखुंदू थाना क्षेत्र के मुजुरी चौराहा के डॉ. कृष्ण विश्वास उर्फ बंगाली डॉक्टर और कोलुआ चौराहा के डॉ. एस.एस पिंटू के खिलाफ धोखाधड़ी व इंडिया मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत केस दर्ज किया. इस बाबत सलेमपुर सीओ कपिल मुनि सिंह ने बताया कि सीएचसी के प्रभारी डॉ. अतुल कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है आरोपियों की तलाश की जा रही है.

कौन हैं आरोपी डॉक्टर

आरोपी डॉ एसएस पिंटू जिले में कई स्थानों पर बिना रजिस्ट्रेशन अस्पताल चलाता है. इसके खिलाफ इलाज में लापरवाही से हुई मौत के मामले में कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. रामजानकी मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने एसएस पिंटू अस्पताल चलता था. कुछ माह पूर्व इसमें प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी. अस्पताल को सील किया गया था. इसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था, लेकिन विभागीय मिलीभगत से अस्पताल का सील खुल गया और अस्पताल का संचालन होने लगा.

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