देवरिया: जिले से लगे बलिया बॉर्डर के पास भागलपुर में सरयू नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. पुल के अधिकांश एक्सटेंशन ज्वाइंटों में न केवल चौड़े गैप बन गए हैं, बल्कि पुल के ऊपर बनी आरसीसी की सड़क भी कई जगह टूट गई है, जिससे सड़क में गड्ढे भी बन गए हैं. हल्के वाहनों के गुजरने पर भी पुल झूले की तरह हिलने लगता है. निर्माण के बाद से ही पुल की कई बार मरम्मत हुई, मगर रिपेयरिंग में खानापूर्ति के चलते यह पुल जर्जर हो गया है. बिना मरम्मत के इस पुल से गुजरना भी लोगों के लिए खतरनाक है.
भागलपुर के सरयू नदी पर बना पुल हुआ जर्जर जर्जर है पुल की हालत
नेपाल बॉर्डर से सोनौली, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, गाजीपुर होते हुए सारनाथ, वाराणसी, इलाहाबाद और बक्सर के साथ बिहार को जोड़ने वाली यह पुल इकलौता सुगम राष्ट्रीय राजमार्ग है. वर्ष 1987 में राज्य सेतु निगम द्वारा लगभग 2819.44 लाख रुपये की लागत से 1185 मीटर लम्बे इस पुल का निर्माण किया गया था. 26 दिसम्बर 2001 में पुल बन के तैयार हुआ और उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने इस पुल का उद्घाटन किया था. लोगों का कहना है कि लोकार्पण के 10 वर्ष बाद से ही पुल क्षतिग्रस्त होने लगा और हर साल इसकी रिपेयरिंग भी कराई जाती रही. मगर खानापूर्ति के चलते पुल जर्जर हो गया. वर्ष 2014 में पुल की स्थिति को देखते हुए इस राष्ट्रीय राजमार्ग पुल को एक हफ्ते तक सभी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था, लेकिन इस समय इस पुल की हालत और जर्जर हो गई है और अधिकांश प्वाइंटों में बड़े गैप बन गए हैं. जगह-जगह पुल के ऊपर बनी सड़कें टूट गई हैं, जिसकी वजह से सड़क में गड्ढे बन गए हैं. हालात यह हैं कि हल्के वाहनों के गुजरने पर भी यह पुल तेजी से कंपन करने लगता है और झूले की तरह हिलने लगता है.
पुल के ज्वाइंटों में गैप होने की वजह से नदी भयावह दिखने लगी है. जिसके कारण पुल से गुजरने वाले लोगों में भय का माहौल है, लेकिन लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस पुल को पार कर यात्रा करने के लिए मजबूर हैं. जिले के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर इस पुल पर नहीं पड़ रही है. जर्जर पुल होने की वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.