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बाल गृह बालिका कांड: किशोरियों से पूछताछ करेगी निमहंस की टीम

देवरिया के चर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच तेज हो गई है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने जांच में मदद के लिए निमहंस (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस) से सहयोग मांगा था. जिसके बाद आज निमहंस की टीम देवरिया पहुंची है. निमहंस की टीम इस मामले में छह किशोरी और एक किशोर से पूछताछ करेगी.

बाल गृह बालिका कांड
बाल गृह बालिका कांड

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Published : Feb 1, 2021, 5:10 PM IST

देवरिया:जिले के चर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच कर रही सीबीआई टीम की मदद के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (निमहंस) के 5 विशेषज्ञ देवरिया पहुंच गए हैं. सीबीआई के विवेचक और जिला प्रोबेशन अधिकारी से निमहंस विशेषज्ञों ने मुलाकात कर जानकारी हासिल की. साथ ही एसआईटी की ओर से दाखिल चार्जशीट के बारे में भी चर्चा की. निमहंस की टीम पांच दिन तक जिले में रहेगी और पूछताछ करेगी. सीबीआई बलिया बलिकागृह से 4 किशोरियों को देवरिया लाई है. साथ ही अन्य किशोरियों और लखनऊ बालगृह से एक बालक को देवरिया लाने की तैयारी हैं, यह किशोरियां और बालक घटना के खुलासे के दौरान बालगृह में बंद थे.

सीबीआई को सुबूत जुटाने में मदद करेगी निमहंस की टीम
बता दें कि जिले के बाल गृह बालिका कांड की जांच 20 अगस्त 2019 से सीबीआई की टीम कर रही है. सीबीआई के विवेचक विवेक श्रीवास्तव चार दिनों से जिले में अपनी टीम के साथ डेरा डाले हुए हैं. किशोरियों से पूछताछ और अन्य जांच के लिए निमहंस के विशेषज्ञों से सीबीआई ने सहयोग मांगा था. जिसके बाद सोमवार शाम को निमहंस की पांच सदस्यीय टीम देवरिया पहुंची. टीम को जिला पंचायत के डांक बंगले में ठहराया गया है. यह टीम सीबीआई के साथ मिलकर पांच फरवरी तक घटना के सुबूत जुटाने में सहयोग करेगी. बता दें कि सीबीआई ने पूछताछ के लिए उन किशोरियों को नोटिस भेजा था, जो घटना के पर्दाफाश के समय या उसके पहले बाल गृह में बंद थी. नोटिस भेजने के बाद आज बलिया से 4 किशोरियों को पूछताछ के लिए देवरिया लाया गया है. डीपीओ प्रभात कुमार ने बताया कि निमहंस की टीम आई है. छह किशोरी और एक किशोर से पूछताछ करेगी.

क्या था मामला
देवरिया रेलवे स्टेशन रोड में मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका के मामलों का पर्दाफाश पांच अगस्त 2018 को पर्दाफाश हुआ था. इस मामले में संचालक गिरिजा त्रिपाठी समेत कई लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया था. पहले एसआईटी ने इस मामले की जांच कर चार्जशीट दाखिल कर दी थी. जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई गिरिजा समेत अन्य कई लोगों का बयान भी दर्ज कर चुकी है.

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