देवरियाः जिले के नगर पालिका और नगर पंचायतों को शासन की ओर से 25 हजार प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना स्वीकृत हुए हैं. जिसके तहत करीब 555 लाभर्थियों को पीएम आवास योजना के तहत पहली किस्त के रूप में उनके खाते में 50 हजार रुपये भेजे गये थे. लेकिन वे आवास न बनवाकर सरकार के पैसे को डकार गये. जिसके बाद डूडा विभाग ने उन सभी 555 लाभार्थियों को नोटिस दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है.
555 लाभार्थी डकार गये शहरी योजना की पहली किस्त - deoria khabar
देवरिया नगर पालिका और बरियारपुर नगर पंचायत के 555 लाभार्थियों को पीएम आवास योजना के तहत पहली किस्त के रूप में उनके खाते में 50 हजार रुपये भेजे गये थे. लेकिन लाभार्थियों ने आवास नहीं बनवाया और सरकारी पैसे को डकार गये.
पीएम आवास योजना के तहत मिलता है ढाई लाख रुपये
आपको बता दें कि केंद्र सरकार शहरी गरीबों को पक्का घर मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ढाई लाख रुपये देती है. वहीं जिले में शासन की ओर से 25 हजार आवास स्वीकृति हुए हैं. इस योजना के तहत लाभार्थियों को पहले चरण में नींव तैयार करने के लिए पच्चास हजार दिए जाते हैं. जिसके बाद दूसरे चरण में डेढ़ लाख रुपए और छत लदने के बाद पच्चास हजार सरकार की ओर से लाभार्थियों के खाते में भेजे जाते हैं. वहीं जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा विभाग की ओर से लाभार्थियों को दिए गए धन की जांच में गड़बड़झाला मिला है. सभी 555 लाभार्थियों ने पहली किस्त के पच्चास हजार रुपये डकार गये. उन्होंने किसी भी तरह का कोई निर्माण नहीं किया. ये धन कोरोना काल से पहले अलग-अलग समय पर लाभार्थियों को जारी किये गये थे. अब डूडा विभाग ऐसे लाभार्थियों को चिन्हित कर नोटिस देते हुए विभागीय कार्रवाई करने में जुटी है. जिसमें देवरिया नगर पालिका परिषद के 435 लाभार्थी हैं, तो वहीं बरियारपुर नगर पंचायत के 120 लाभार्थी शामिल हैं.
डूडा विभाग के परियोजना अधिकारी विनोद कुमार मिश्र ने ईटीवी भारत को बताया कि इस जिले में प्रधानमंत्री शहरी योजना के तहत 25 हजार लोगों को आवास शासन से स्वीकृति हुआ है. जिन पर काम चल रहा है, 555 लोग ऐसे पाए गए हैं, जिन्हें आवास योजना के तहत पहली किस्त पचास हजार रुपये दी जा चुकी है. इसके बाद भी वे लोग आवास निर्माण नहीं किये हैं. विभाग ऐसे लोगों को नोटिस दे रही है. ताकि वे जल्द से जल्द काम शुरू कर लें. इसके बाद भी अगर काम आरंभ नहीं करते हैं, तो नियमानुसार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.