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आग की घटनाओं से करें बचाव, डीएम ने दिए निर्देश - देवरिया आपदा प्रबंधन

देवरिया में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने आग लगने की घटनाओं को कम करने के लिए टिप्स दिए हैं. उन्होंने लोगों से आपदा प्रबंधन के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है. इससे आग लगने की घटनाओं को रोका जा सकेगा.

डीएम ने दिए निर्देश
डीएम ने दिए निर्देश

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Published : Apr 8, 2021, 7:35 AM IST

देवरिया:जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए लोगों को टिप्स दिए हैं. उन्होंने कहा कि अग्निकांड से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन के निर्देशों का पालन जरूरी है. इससे आगजनी की घटनाओं को रोका जा सकता है. इसलिए सभी लोग इसका पालन करें और अपने व्यवहारिक जीवन में भी रोकथाम के उपायों को अपनाएं. इससे किसी भी प्रकार की क्षति को रोका जा सकेगा.

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ऐसे करें बचाव

इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि गर्मी के दिनों में जब तेज पछुआ हवा चलती है, तो हमारे गांव में आग लगने की घटनाएं बड़े पैमाने पर होती हैं. हमारे घर, खेत, खलिहान और जानमाल को आग लगने से भारी क्षति पहुंचती है. अग्निकांड से बचाव के संबंध में उन्होंने बताया कि रसोई घर यदि फूस का हो तो इसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य लगा दें. रसोईघर की छत ऊंची बनाई जाए. इसके साथ ही आग बुझाने के लिए बोरे में बालू, मिट्टी और दो बाल्टी पानी अवश्य रखें. हवन आदि का काम सुबह 9 बजे ही पूरा कर लें.

प्रशासन का करें सहयोग

शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय-समय पर मरम्मत कराते रहे. मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम रखें और उनकी निगरानी करते रहें. पटाखे जलाते समय पानी की बाल्टी और रेत की पर्याप्त व्यवस्था रखें. गर्मियों में दिन का खाना संभव हो तो सुबह 9 बजे से पहले बना लें. रात का खाना शाम 6 बजे के बाद बनाएं. ग्रामीण क्षेत्रों में हरे गेहूं की भुनाई बच्चे करते हैं. ऐसे में आग लगने से बचाने के लिए उन पर निगरानी रखें. आग लगने पर सर्वप्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें. आवश्यकता होने पर आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के लिए 101 नंबर फोन करें. साथ ही प्रशासन को तुरंत सूचित करें. घटना के दौरान प्रशासन का पूरा सहयोग करें.

डंठल में न लगाएं आग

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आग घर या खेतों में लगती है, तो आग को लेट कर बुझाने का प्रयास करें. बिजली के लूज तारों से निकली चिंगारी भी आग लगने का कारण बन जाती हैं. जहां भी लूज तार दिखे, उसकी सूचना बिना देर किए ऊर्जा विभाग यह संबंधित बिजली कंपनी के अभियंताओं को तुरंत दें. दीपक, लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगह पर न रखें, जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो. खेती कटनी के बाद डंठल को खेत में ही छोड़ दें. उसमें आग न लगाएं.


तेज हवा में न बनाएं भोजन

किसी भी उत्सव के लिए लगाए गए टेंन्ट के नीचे से बिजली के तार को न ले जाएं. सामूहिक भोजन बनाने के दौरान वहां पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखें. भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय नहीं करें. जलती हुई माचिस की तीली या जलती बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर न फेंके. खाना बनाते समय ढीले-ढाले और पोलिस्टर के कपड़े पहन कर खाना न बनाएं. हमेशा सूती कपड़े पहनकर ही खाना बनाएं. सार्वजनिक स्थलों जैसे ट्रेनों एवं बसों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चलें.

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