देवरिया : जिले में अफसर मनमानी कर रहे हैं. मामूली शिकायत के लिए फरियादियों को 50 से 70 किमी दूरी तय कर डीएम कार्यालय पहुंचना पड़ रहा है. अधिक भीड़ होने की वजह डीएम ने जानी तो मालूम हुआ कि स्थानीय कार्यालयों में 10 से 12 बजे तक कोई अफसर जनसुनवाई नहीं करते हैं. डीएम ने एक टीम गठित कर सोमवार को जांच की तो मातहतों की कारगुजारी सामने आई. जिसके बाद जिलाधिकारी ने 124 कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के साथ स्पष्टीकरण मांगा है.
बता दें अफसरों को सुबह 10 से 12 बजे तक कार्यालय में जनसुनवाई का निर्देश है. बावजूद जिले के अफसर ऐसा नहीं करते हैं. इसकी वजह से डीएम कार्यालय पर प्रतिदिन फरियादियों की लंबी कतार रहती है. फरियादियों की शिकायत रहती थी कि ब्लाॅक, तहसील, नगर पंचायत, विकास भवन समेत अधिकांश विभाग में तय समय पर जनसुनवाई नहीं होती है. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह खुद 10 बजे नगर पालिका पहुंचे. निरीक्षण के दौरान कर निर्धारण अधिकारी शशिकला एवं सहायक अभियंता जयराम यादव समेत 13 कार्मिक अनुपस्थित मिले.
'समस्याओं का त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें'
जिलाधिकारी ने कहा कि 'समस्त अधिकारी 10 से 12 तक शासन के निर्देशानुसार जनता दर्शन अनिवार्य रूप से कर आमजनता की समस्याओं का त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें. उन्होंने नगर पालिका में आईजीआरएस निस्तारण के विषय में भी जानकारी प्राप्त की. जनता दर्शन पंजिका में 22 दिन में महज 20 शिकायत दर्ज होने पर असंतोष व्यक्त किया. 18 एवं 19 मई को जनता दर्शन का एक भी प्रकरण दर्ज नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की. अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह ने पीडब्लूडी प्रांतीय खंड कार्यालय का निरीक्षण किया, जिसमें अधिशासी अभियंता आरके सिंह एवं सहायक अभियंता पीपी सिंह समेत चार कर्मचारी अनुपस्थित मिले. आरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण भी किया. निरीक्षण के दौरान एआरटीओ एके शुक्ला मौजूद मिले. कार्यालय के चार कार्मिक अनुपस्थित मिले, जिनमें आरपी सोनकर, दानवीर सिंह, कफील अहमद एवं शशिकला शामिल हैं. मूवमेंट रजिस्टर एवं जनता दर्शन से जुड़े अभिलेख नहीं मिले.'