देवरिया: भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ वाराणसी से 2009 लोकसभा चुनाव लड़ चुके राजेश मिश्रा को कांग्रेस ने देवरिया जिले की सलेमपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. टिकट मिलने के बाद राजेश मिश्रा रविवार को रोड करते हुए सलेमपुर पहुंचे, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया. राजेश मिश्रा ने कहा कि सलेमपुर मेरी मातृभूमि है. इसका कर्ज उतारने के लिए यहां से चुनाव लड़ने आया हूं.
24 घण्टे काम करने वाला व्यक्ति हूं मैं
टिकट मिलने के बाद पहली बार सलेमपुर पहुंचे राजेश मिश्रा का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान राजेश मिश्रा ने सलेमपुर लोकसभा सीट में आने वाली दो विधानसभा सलेमपुर और भाटपाररानी में रोड शो किया. वहीं जब पत्रकारों ने राजेश मिश्रा से सवाल पूछा कि चुनाव में अब कम समय बचा है और आप इससे कैसे निपटेंगे तो उन्होंने कहा कि मैं 24 घण्टे काम करने वाला व्यक्ति हूं. समय बिल्कुल कम नहीं है, जो यहां से लगातार सांसद रहे हैं. वह जितना नहीं घूमे होंगे, मैं उतना ढाई दिन में घूम चुका हूं. राजेश मिश्रा ने कहा कि समय उनके लिए कम होता है, जिनके कर्म की पहचान नहीं होती है. वह लोग सिर्फ चुनाव लड़ने की राजनीति करते हैं. इसलिए उनको दिक्कत होती है.
मीडिया से बात करते कांग्रेस प्रत्याशी राजेश मिश्रा सलेमपुर लोकसभा को बताया मातृभूमि
राजेश मिश्रा ने कहा कि सलेमपुर मेरी मातृभूमि है. आज देश और प्रदेश में जो मेरी पहचान है, वह सलेमपुर की मिट्टी से है. मैं सलेमपुर से चुनाव लड़ने आया हूं, तो मैं विश्वास दिलाता हूं कि वाराणसी में जितना काम देश के प्रधानमंत्री ने नहीं किया है. उतना काम मैंने पांच साल में किया है. मैं उन कार्यों को गिना सकता हूं. यहां के लोग देख सकते हैं. सलेमपुर-बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह, जो मेरे विधान परिषद का क्षेत्र रहा है. मैंने वहां लगातार 12 साल कार्य किया है. सलेमपुर-भाटपाररानी ये मेरी मातृभूमि है. मेरे ऊपर यहां की मिट्टी का कर्ज है. इस चुनाव के बाद इस मिट्टी का कर्ज अदा करने के लिए यहां से चुनाव लड़ रहा हूं.
मेरी लड़ाई यहां की बेरोजगारी से
वहीं गठबंधन पर हमला बोलते हुए राजेश मिश्रा ने कहा कि मेरी लड़ाई न तो गठबंधन से है और न ही भाजपा से है. मेरी लड़ाई यहां की जो बेरोजगारी है, उससे है. राहुल गांधी ने कहा है कि जो गरीब परिवार हैं, हम उसे छह हजार रुपये महीना देंगे, लेकिन कम से कम उन्हें 12 हजार रुपये मिलना चाहिए. 22 लाख नौकरियां रिक्त पड़ी हैं. राजेश मिश्रा ने कहा कि चाहे प्रदेश की सरकार हो या फिर केंद्र की सरकार हो, मेरी कोशिश होगी कि नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके.