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Fraud in Cricket: बोकारो क्रिकेट एसोसिएशन दूसरे प्रदेश के खिलाड़ियों को दे रहा तरजीह, देवरिया के खिलाड़ी से लाखों की ठगी - Bokaro news

बोकारो क्रिकेट एसोसिएशन का फर्जीवाड़ा सामने आया है. फर्जीवाड़ा का आरोप एसोसिएशन के सहायक सचिव संतोष कुमार पर लगा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

झारखंड क्रिकेट टीम
झारखंड क्रिकेट टीम

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Published : Feb 2, 2023, 11:03 PM IST

देवरिया के रहने वाले अंशुमन सिंह का आरोप

बोकारोः फर्जी कागजात के आधार पर बोकारो क्रिकेट एसोसिएशन दूसरे राज्य के खिलाड़ियों को जगह दे रहा है. इसको लेकर एसोसिएशन की ओर से मोटी रकम लेने का मामला सामने आया है. इस मामले में यूपी के देवरिया के रहने वाले क्रिकेटर ने हरला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

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उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले अंशुमन सिंह ने बोकारो और झारखंड क्रिकेट टीम में खेलने के नाम पर एक लाख 90 हजार रुपये की ठगी का आरोप लगाया है. अंशुमन की लिखित शिकायत पर हरला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. हरला थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं.

अंशुमन ने बोकारो डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के सहायक सचिव संतोष कुमार को आरोपी बनाया है, जो सेक्टर 8 सी के आवास संख्या 1229 में रहता है. अंशुमन ने पुलिस को बताया कि देवरिया के रहने वाले अभिषेक यादव ने अंडर 16 में झारखंड की ओर से मैच खेला है. उसी के कहने पर साल 2018 में बोकारो आया और आरोपी के आवास के ऊपर वाले घर में अन्य लड़कों के साथ रहने लगा. इस दौरान वे सेक्टर 8सी ग्राउंड में प्रैक्टिस करता था. एक दिन आरोपी संतोष ने उससे चार लाख रुपये की मांग की और कहा कि झारखंड टीम से खेलने का मौका देंगे.

अंशुमन ने कहा कि साल 2019 में तीन किश्तों में डेढ़ लाख रुपये दिया. इसके बाद कागजात वगैरह बनाने के लिए 40 हजार रुपये दिया. इसके बावजूद झारखंड क्रिकेट टीम में चयन नहीं हुआ तो संतोष से चयन नहीं होने की सूचना दी. इसके जवाब में संतोष ने ढाई लाख रुपये की मांग की. इसके बाद पैसे देने में असमर्थता जताते हुए दिए गए रुपये की मांग की. अंशुमन ने कहा कि संतोष ने पीएन सिंह नाम के व्यक्ति को देने की बात कहते हुए रुपये लौटाने से इंकार कर दिया.

अंशुमन ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपी संतोष व्हाट्स एप कॉल कर मामला सेटल करने का दबाव बना रहा है. उन्होंने कहा कि हमें झारखंड का निवासी बताकर आठवीं कक्षा में नामांकन करवाया, ताकि लोकल एड्रेस प्रुव बनाया जा सके.

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