चित्रकूट:जिले में स्वामी शोभन सरकार गो सेवा सदन गो संरक्षण और संवर्धन में अहम भूमिका निभा रही है. सेवा सदन ने पशु बाड़े से निकले गोबर को गोबर गैस के जरिए रसोई गैस में प्रयोग करने के योग्य बनाती है. ऊर्जा केक और लकड़ी की तरह ईंधन बनाकर वन संरक्षण को ध्यान में रखते है. राज्य सरकार द्वारा पोषित पशु बाड़े से निकले गोबर को ऊर्जा केक और ईधन लकड़ी की तरह बनाकर खुले बाजार में बेचकर रोजगार दे रहे है.
- इस वेद विद्या संस्थान में गोबर बेचना चाहे तो दो रुपये किलो के हिसाब से गोवंश का गोबर खरीदा जाता है.
- गोबर गोशालाओं से प्राप्त होता है सरकार चाहे तो इस मशीनों को सभी ग्राम पंचायतों के गोशालाओं में स्थापित करे.
- इससे स्थानीय ग्रामीण वहां पर अपनी सेवाएं दे सकते हैं. बेरोजगार ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा.
- इसका व्यापार कर गोशाला में गोवंश की देखरेख के लिए प्राप्त हुआ धन काम में आएगा.
- यह ईंधन बेहद टिकाऊ है इसमें आम उपले और लकड़ी से अधिक देर तक जलते रहने की क्षमता है.
- इसे ऐसा डिजाइन किया गया है कि आक्सीजन पहुंचने की जगह बनी है. यह धुंआ भी बिल्कुल नहीं देता.
- आसानी से जलने को तैयार यह धन इस्तेमाल के साथ-साथ उठाने ले जाने में आसान और सुरक्षित भी है.