चित्रकूट : गर्मियां शुरु होते ही बुंदेलखंड में पानी का संकट भी मुंह खोले खड़ा हो जाता है. संकट भी ऐसा कि जिस पानी से नहाये उसे ही जमा करके कपड़े और बर्तन धोने के लिए उपयोग कर रहे हैं. जैसे-जैसे चित्रकूट का तापमान बढ़ता है उसी गति से पानी का संकट भी बढ़ता जाता है.
पानी के लिए तरस रहे लोग-
- मामला चित्रकूट के पाठा गांव का है.
- आजादी के 70 साल बाद भी यहां पानी का स्थाई समाधान नहीं निकल सका है.
- ग्रामीणों को पानी भरने के लिए कई किलामीटर दूर पैदल जाना पड़ता है.
- गर्मियों में चित्रकूट का नजारा मरुस्थल से कम नहीं होता.
- यहां लोग एक कुएं में बचा कीड़ों भरा और बदबूदार पानी इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.
- ग्रामीण खाट पर बैठकर नहाते हैं ताकि नीचे इखट्टा हुए पानी से दूसरे काम निपटाए जा सकें.