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इस प्राइमरी स्कूल के आदिवासी बच्चे भी बोलते हैं फर्राटेदार इंग्लिश - इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में बभ्भिया गांव के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अब किसी मामले में कॉन्वेंट स्कूल के छात्रों से कम नहीं हैं. इस प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे ऐसी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं कि, जिसे सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे.

प्राइमरी स्कूल में आदिवासी बच्चे
प्राइमरी स्कूल में आदिवासी बच्चे

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Published : Dec 7, 2020, 5:38 PM IST

चित्रकूटः जिले के मानिकपुर ब्लॉक स्थित बभ्भिया गांव के इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र किसी कॉन्वेंट स्कूल के छात्रों से पीछे नहीं हैं. अब वह भी अंग्रेजी बोलने निपुण हो चुके हैं. इस पिछड़े गांव के रहने वाले बच्चों के अनपढ़ अभिभावकों ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि यह बच्चे कभी इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई कर इंग्लिश बोल सकेंगे. यह सब एक होनहार अध्यापक की वजह से हो रहा है. ऐसा अध्यापक जो सब कुछ छात्रों के लिए करता है.

प्राइमरी स्कूल में कान्वेंट की पढ़ाई.

स्मार्ट क्लास की व्यवस्था
इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय बभ्भिया में नियुक्त अध्यापक रवि सिंह के लगन का नतीजा है, कोरोना काल में भी बच्चों की पढ़ाई रुकी नहीं. रवि कुमार सिंह का बच्चों के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी यहीं खत्म नहीं होती. बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए अपने वेतन का ही कुछ हिस्सा लगाकर इन गरीब बच्चों के लिए चार पहिया वाहन से लेकर लिखाई-पढ़ाई में प्रयोग होने वाली चीजों का भी जुगाड़ किया है. वहीं विदेशों की तर्ज पर स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था इन्होंने अपने ही संसाधनों से जुटाई है.

राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 का न्योता
ऐसे में अध्यापक रवि कुमार सिंह को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए तमाम पुरस्कारों के साथ बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने 2018-19 में सम्मानित किया. वहीं उत्तर प्रदेश शासन ने शिक्षा निदेशक द्वारा भेजी गई चिट्ठी में अध्यापक रवि सिंह को राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 से नवाजे जाने का न्योता भी भेजा है. प्रदेश के 75 जिलों से 73 जिलों के अध्यापकों की लिस्ट में जनपद चित्रकूट के ग्राम पंचायत बलिया के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के अध्यापक रवि सिंह का भी नाम शामिल किया गया है.

शिक्षक रवि सिंह ने 2016 में किया था ज्वाइन
अध्यापक रवि सिंह बताते हैं कि जब मेरी नियुक्ति दिसंबर 2016 में इस विद्यालय में हुई तब मुझे यहां के ग्रामीणों का सहयोग नहीं मिला. धीरे-धीरे मेरे व्यवहार से ग्रामीणों ने अपने बच्चे भेजना शुरू किया. इस विद्यालय में पहले 72 छात्र थे अब यहां पर कुल 84 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. रवि सिंह ने बताया कि वह बच्चों को सभी सुविधाएं नि:शुल्क देते हैं.

पिकनिक पर भी जाते हैं बच्चे
पठन-पाठन सामग्री में प्रयोग होने वाले सामान और स्मार्ट क्लास चलाने के लिए आवश्यक सामग्री की भी व्यवस्था की है. साथ ही दूरदराज से आने वाले बच्चों के लिए वाहन की भी व्यवस्था की गई है. स्पोर्ट के लिए बच्चों को मुफ्त टीशर्ट्स आदि उपलब्ध कराए जाते हैं. यहां के बच्चों को समय-समय पर टूर और पिकनिक पर भी ले जाया जाता है.

गांव वाले बोले ये हमारे लिए सौभाग्य की बात
ग्राम प्रधान प्रमोद त्रिपाठी ने बताया कि रवि सिंह के बदौलत ही सबकुछ हो रहा है. ऐसे अध्यापक मुश्किल से मिलते हैं. यह उनके और उनके गांव के लिए सौभाग्य की बात है. वहीं अध्यापक रवि सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य यही है कि इन गरीब बच्चों को भी वही शिक्षा मिले जो कि बड़े शहरों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलती है.

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